डीएनए हिंदी: संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की लोकसभा में की गई कुछ टिप्पणियों एवं आचरण को लेकर उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित करने के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 30 अगस्त को बुलाया है. इस मामले पर विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को विचार किया था. लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार एवं आचार शाखा की सूचना के अनुसार, विशेषाधिकार समिति के एजेंडे में कहा गया है, ‘सांसद (अधीर रंजन चौधरी) का मौखिक साक्ष्य 30 अगस्त 2023 को होगा.’
समिति की 18 अगस्त को हुई बैठक में एक आम राय बनी थी कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें (अधीर रंजन चौधरी) अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए. एक सदस्य ने यह विचार भी व्यक्त किया था कि सत्र की (मानसून) शेष अवधि के लिए निलंबित करके सदस्य को पहले ही दंडित किया जा चुका है और ऐसे में दोबारा दंड देने का कोई औचित्य नहीं है.
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कांग्रेस सांसद को 10 अगस्त को किया था निलंबित
हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. इसके साथ ही उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था. (इनपुट- भाषा)
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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनके खिलाफ लोकसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था. जिसे सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दी गई थी. प्रस्ताव के अनुसार, विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक लोकसभा स्पीकर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन को सदन की कार्यवाही से निलंबित करने की मांग की गई थी. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने सदन में पीएम मोदी का अपमान किया है.
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