Parliament Monsoon Session: संसद का ये मानसून सत्र काफी हंगामेदार चल रहा है. संसद में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और समाजवादी पार्टी की सासंद जया बच्चन के बीच बहस हो गई. जया बच्चन ने सभापति की टोन पर सवाल खड़े किए हैं. जया बच्चन ने कहा कि 'मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंगुएज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं. उन्होंने कहा कि मुझे माफ करिएगा लेकिन आपकी टोन जो है, वह ठीक नहीं है. ये स्वीकार्य नहीं है.'
इस पर सभापति जगदीप धनकड़ भी भड़क गए. राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ इसी बीच विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वाकआउट कर दिया. सभी सदस्यों ने 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए राज्यसभा छोड़ दी. जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच 'जया अमिताभ बच्चन' कहे जाने के मुद्दे पर कई दिन पहले तनातनी शुरू हुई थी. तब से रोजाना ही उनके बीच नोंकझोंक हो रही है.
इस पूरे बवाल पर नेता सदन जेपी नड्डा विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाए है. लेकिन विपक्ष भी पीछे नहीं हट रहा है. अब विपक्ष सभापति के जगदीप धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकता है. महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष को 14 दिनों का नोटिस देना पड़ता है. सूत्रों के मुताबिक खबर है कि नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कमरे में सांसदों के हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं.
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क्या होता महाभियोग प्रस्ताव
नियम ये है कि महाभियोग प्रस्ताव संसद के सदन में लाया जाता है. ये प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है जब संविधान का उल्लंघन, दुर्व्यवहार या अक्षमता साबित हो गए हों. ये प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है. लोकसभा में ये प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 100 सांसदों के दस्तख़त, और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है.
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