डीएनए हिंदी: संसद का विशेष सत्र 5 दिनों के लिए बुलाया गया है. इस सत्र (Parliament Special Session) के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. शिवसेना और कांग्रेस जैसे दल पहले से ही विशेष सत्र बुलाए जाने पर हमलावर हैं. दूसरी ओर ऐसी खबरें भी हैं कि इस सत्र में एक देश एक चुनाव, यूसीसी और महिला आरक्षण बिल पर विपक्षी दल जवाब मांग सकती है. इंडिया नाम बदलने को लेकर भी हंगामा चल रहा है. विशेष सत्र संसद के नए भवन में बुलाया जा रहा है और रविवार को झंडोत्तोलन का कार्यक्रम रखा गया था. हालांकि, इसमें न्यौते के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं पहुंचे. बीजेपी इसे लेकर हमलावर है और दूसरी ओर कांग्रेस और विपक्ष ने भी सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
संसद के विशेष सत्र में जमकर हंगामा हो सकता है क्योंकि सरकार और विपक्षी दल दोनों ही आने वाले विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं. विपक्षी दल ने सरकार को महंगाई, बेरोजगारी से लेकर अनंतनाग और राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जैसे मुद्दे पर घेरने के लिए तैयार है. सरकार के पास भी जी-20 की सफलता भुनाने का मौका है. अब देखना यह है कि 5 दिन के लिए बुलाए सत्र में कामकाज होता है या हंगामा ही चलता रहता है.
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विषेष सत्र में सरकार पेश कर सकती है 4 विधेयक
इस विशेष सत्र में सरकार ने 4 विधेयकों का एजेंडा पेश करने की बात कही है. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल पेश होना तय है. इसमें पैनल ने चीफ जस्टिस को हटा दिया है जिस पर जमकर बवाल हो रहा है. चीफ जस्टिस की जगह पर विपक्षी दल के नेता और वित्त मंत्री को शामिल किया गया है. इसके अलावा संसद के 75 साल पूरे होने पर लेखा-जोखा भी पेश किया जाएगा. हालांकि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस काफी हमलावर है.
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नए संसद भवन में होगी सदन की कार्यवाही
संसद का विशेष सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि नए संसद भवन में इस बार से कार्यवाही होगी. हालांकि, नए संसद भवन के उद्घाटन मौके पर भी विवाद हो गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं पहुंचे क्योंकि वह हैदराबाद में थे. बीजेपी ने इस पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे मौके पर तो कम से कम राजनीति को परे रखना चाहिए था. हालांकि, कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी जरूर पहुंचे थे और उनकी बीजेपी नेताओं से बातचीत की तस्वीरें भी नजर आई थीं.
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