Winter Session: 4 दिसंबर से होगा संसद का शीतकालीन सत्र, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति , महुआ मोइत्रा पर होगा फैसला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 09, 2023, 07:25 PM IST

Parliament Winter Session 2023

Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी पुष्टि कर दी है. यह सत्र काफी धमाकेदार हो सकता है.

डीएनए हिंदी: संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा. इस सत्र में कई अहम विधेयक लाए जा सकते हैं. इनमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा, महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वेरी विवाद पर भी फैसला आ सकता है. एथिक्स पैनल ने बहुमत से उनकी सदस्यता निष्कासित किए जाने की मांग की है. नए संसद भवन अब से सभी सेशन आयोजित किए जाएंगे. विपक्षी दल भी सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ आएंगे. 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की वजह से माना जा रहा है कि इस बार सत्र दिसंबर से शुरू हो रहा है. आम तौर पर यह नवंबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में शुरू हो जाता है. चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे जिसके बाद सत्र का आयोजन हो रहा है. 

संसद का शीतकालीन सत्र चुनाव नतीजों के अगले दिन से ही शुरू हो रहा है. पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आ चुका होगा. चुनाव नतीजों के आधार पर सरकार और विपक्ष दोनों की रणनीति तैयार की जा सकती है. अगर कांग्रेस को इन चुनावों में सफलता मिलती है तो विपक्षी दल बेहद आक्रामक रुख अपना सकते हैं. हालांकि, सरकार भी विपक्ष के हर वार की काट बेहद सधी हुई रणनीति से तैयार करने वाली है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त नियुक्ति विधेयक पर चर्चा 
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संबंधी विधेयक पर पहले से ही काफी चर्चा हो रही है.  इस विधेयक के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर होने का प्रावधान है. फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर का दर्जा मिलता है. इस विधेयक का बड़े पैमाने पर विरोध भी हो रहा है क्योंकि नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार अपनी मनमानी के लिए ऐसा विधेयक लाना चाहती है.

महुआ मोइत्रा की सदस्यता पर होगा फैसला 
कैश फॉर क्वेरी विवाद में एथिक्स पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. टीएमसी सांसद की सदस्यता जाती है या नहीं इस पर फैसला भी संसद के शीतकालीन सत्र में ही लिया जाएगा. हालांकि, एथिक्स कमेटी में विपक्षी सांसद सदस्यता भंग किए जाने के फैसले से सहमत नहीं है. इस विवाद पर संसद में जमकर बवाल तो होना तय है. विपक्षी दल लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकारी जांच एजेसियों का इस्तेमाल विरोधी आवाजों को दबाने के लिए किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा भी सदन में हावी रह सकता है.

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