PFI Banned: कांग्रेस सांसद बोले- पीएफआई और RSS बराबर, इसपर भी लगाओ बैन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2022, 11:00 AM IST

PFI पर केंद्र सरकार ने 5 साल के प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं सरकार ने इसके अन्य सहयोगी संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया गया है.

डीएनए हिंदी: केंद्र की मोदी सरकार ने इस्लामिक संगठन पीएफआई (Popular Front of India) पर प्रतिबंध लगा दिया है. PFI को अगले 5 सालों के लिए बैन कर दिया है. पीएफआई पर लगे इस बैन के बाद सियासी दलों की तरफ से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही है. एक तरफ जहां भाजपा से जुड़े नेता इस केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के एक सांसद ने RSS पर बैन लगाने की मांग कर दी है. केंद्र सरकार की इस कार्रवाई पर कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पीएफआई (PFI) की तरह ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस (RSS) को भी बैन कर देना चाहिए. 

दरअसल PFI के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल ने बड़ा बयान देते हुए कहा. "हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं. PFI पर बैन कोई उपाय नहीं है. RSS भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है. RSS और PFI दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. केवल PFI पर ही बैन क्यों?"

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सहयोगियों पर भी हुआ एक्शन

आपको बता दें कि PFI के अलावा आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (RIF), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (CF), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (AIIC), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (NCHRO), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है. इन्हें सरकार ने एक गैर-कानूनी संगठन घोषित किया है.

वहीं PFI के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लेकर SDPI  ने कहा है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. 

इन नेताओं ने किया फैसले का स्वागत

एक तरफ जहां पीएफआई के खिलाफ इस कार्रवाई पर संगठन से सहानुभूति रखने वाला पक्ष केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा है तो दूसरी ओर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है. PFI पर बैन को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "देश गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की सराहना कर रहा है, हम उनका धन्यवाद करते हैं और इस निर्णय का स्वागत करते हैं इसका विरोध करने वालों भारत स्वीकार नहीं करेगा और सख्त जवाब देगा."

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सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

पीएफआई को लेकर सांप्रदायिक हिंसा के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे में संभावनाएं है कि बैन जैसी बड़ी कार्रवाई के बाद पीएफआई के कार्यकर्ता सामाजिक माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं जिसके चलते पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है. दिल्ली से लेकर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं. 

रातों-रात हुआ एक्शन

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए छापेमारी की थी जिसमें संगठन के खिलाफ अहम सबूत मिले थे और विदेशी फंडिंग तक की बातें सामने आईं थीं. इसके चलते मंगलवार देर रात मोदी सरकार ने इस संगठन को बैन करने का ऐलान कर दिया जो कि संगठन के लिए एक बड़ा झटका है.

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