डीएनए हिंदीः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ की राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां लगातार छापेमारी कर रही हैं. इसमें सुरक्षा एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ कई सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस अब तक इस संगठन से जुड़े 125 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है. इन्होंने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं. इसके बाद जांच एजेंसियों ने पीएफआई पर बैन लगाने की सिफारिश की है. सूत्रों कहना है कि सरकार इसी सप्ताह इस संगठन को बैन कर सकती है.
गल्फ देशों से फंडिंग के मिले सबूत
NIA को पीएफआई के खिलाफ कई अहम सबूत हाथ लगे हैं. केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से कंपनियों के जरिये गल्फ देशों में काम करने गए हजारों लोग पीएफआई को हर महीने फंडिंग करते हैं. सूत्रों का कहना है कि यूएई और अरब देशों में इन्हीं मेन पावर सप्लाई के जरिये गये 30 हज़ार से ज्यादा पीएफआई के काडर या उससे सहानुभूति रखने वाले मुस्लिम पीएफआई को फंडिंग करते हैं. इन सभी से हर महीने 100 दिरहम की फंडिंग पीएफआई को करनी होती है. यानी सभी मिलकर 3 मिलियन दिरहम की फंडिंग हर महीने पीएफआई को करते हैं. वहीं देश के कई मस्जिदों और मदरसों से भी होती है पीएफआई को फंडिंग की जाती है. जांच में केरल के कुछ एनजीओ के भी नाम सामने आये हैं जिनके जरिये गल्फ देशों से पीएफआई को फंडिग की जाती है.
ये भी पढ़ेंः PFI News: SIMI का बदला हुआ रूप है पीएफआई? केंद्र सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
टर्की के NGO से की जा रही फंडिंग
जांच एजेंसियों को टर्की और गल्फ देशों के जरिए फंडिंग के सबूत हाथ लगे हैं. पीएफआई के गल्फ देशों में स्थित कई संगठनों से लिंक की भी जानकारी सामने आई है. जांच एजेंसियों के मुताबिक पीएफआई के गल्फ देशों के साथ-साथ तुर्की के भी कई एनजीओ से फंडिग होती है. तुर्की के एक ऐसे एनजीओ की भी जानकारी मिली है जिसके पीएफआई से लिंक है और इस एनजीओ 100 देशों में एक्टिव है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.