PFI News: SIMI का बदला हुआ रूप है पीएफआई? केंद्र सरकार ले सकती है बड़ा फैसला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 27, 2022, 01:33 PM IST

PFI को बैन करेगी मोदी सरकार?

PFI: आज से पहले 22 सितंबर को NIA सहित कई एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर खिलाफ छापे मारे थे. यह छापेमारी 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ की गई थी.

डीएनए हिंदी: NIA और ED लगातार लगातार PFI के खिलाफ छापेमारी कर रहे हैं. PFI एक समाजिक मुस्लिम संगठन होने का दावा करता है. हालांकि PFI पर आरोप हैं कि उसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक मुस्लिम राष्ट्र में बदलना है. सूत्रों का दावा है कि देशभर में PFI के खिलाफ चल रही कार्रवाई कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं जिसके बाद केंद्र सरकार इस मुस्लिम संगठन को बैन करने के फैसले पर विचार कर रही है. कहा जा रहा है कि इसको लेकर घोषणा अगले कुछ हफ्तों में की जा सकती है.

22 सितंबर को 15 राज्यों में छापेमारी
इस महीने में आज से पहले 22 सितंबर को NIA सहित कई एजेंसियों ने PFI के ठिकानों पर खिलाफ छापे मारे थे. यह छापेमारी 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ की गई थी. छापेमारी के दौरान PFI के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. देशभर में PFI की छापेमारी से घबराकर इसके सदस्यों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया था. केरल में PFI ने बंद बुलाया था जिसके बाद कई जगहों हिंसा की खबरें सामने आईं थी.

पढ़ें- PFI के ठिकानों पर दिल्ली समेत 8 राज्यों में छापेमारी, NIA की हिरासत में 150 से अधिक लोग

SIMI से है PFI का कनेक्शन!
NIA के सूत्रों का दावा है कि PFI के कई सदस्य पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया और इंडियन मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे. PFI नेता अब्दुल रहमान कथित तौर पर सिमी के राष्ट्रीय सचिव हुआ करते था. सूत्रों का दावा है कि PFI में राज्य सचिव अब्दुल सत्तार भी इसी तरह की ऊंचे पद पर सिमी से जुड़ा हुआ था. PFI की स्थापना 2006 में की गई थी. यह भारत में हाशिए पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का प्रयास करने का दावा करता है.

पढ़ें- PFI समर्थकों ने पुणे में लगाए 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे, पुलिस ने की सख्त कार्रवाई

पाकिस्तान से मिलता है सपोर्ट
सूत्रों ने यह भी दावा किया कि PFI नेता कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. उन्हें खाड़ी और मध्य पूर्वी देशों से भी निर्देश मिलते हैं. सूत्रों के मुताबिक, PFI के सदस्य मोहम्मद साकिब ने कथित तौर पर पाकिस्तान से हवाला चैनलों के जरिए पैसे भेजे और कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि हवाला का बहुत सारा पैसा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए भारत में भेजा गया है.

पढ़ें- PFI का केरल बंद हिंसक, पुलिस से मारपीट, डॉक्टर का हाथ तोड़ा, HC नाराज

इनपुट- IANS

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.