डीएनए हिंदीः भारत की पहली इंट्रानेजल Intranasal Vaccine यानी नाक के जरिए दी जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन को दवा नियामकों ने दूसरे फेज के परीक्षण की मंजूरी दे दी है. अब इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण किया जाएगा. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने सेंट लुइस की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया है. फर्स्ट फेज में भी इस वैक्सीन के नतीजे काफी सकारात्मक मिले थे.
इंसानी परीक्षण से गुजरने वाली पहली वैक्सीन
BBV154 वैक्सीन कई मामलों में काफी अहम है. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि इंट्रानेजल रेप्लीकेशन- डेफिशियेंट चिंपाजी एडिनोवायरस सार्स-कोवि 2 वैक्टर वैक्सीन न केवल भारत में नियामकों की अनुमति हासिल करने वाली पहली वैक्सीन बन गई है, बल्कि यह अपनी तरह की पहली वैक्सीन है जो भारत में इंसानी परीक्षण से गुजरेगी. यह वैक्सीन कितनी कारगर है इसे लेकर SARS-CoV-2 वैक्सीन के हीट्रोलोगस (एक अलग लेकिन संबंधित प्रजाति के जीव से लिया गया) प्राइम बूस्ट के संयोजन यानी क़ॉम्बीनेशन का बहु केंद्रित क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है.
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फर्स्ट फेज में मिले सकारात्मक नतीजे
इस वैक्सीन के शुरुआती चरण में प्रयोगशाला में किए गए अध्ययन में इसे सुरक्षित, इम्युनोजेनिक और सहन करने योग्य पाया गया था. जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि यह वैक्सीन उच्च स्तर की न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज हासिल करने में सक्षम है. फेज-1 के परीक्षण में कुछ स्वयंसेवियों को जो डोज दिया गया था, वह उन्होंने अच्छे से सहन कर लिया था.
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