डीएनए हिंदी: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में रोक के बावजूद कुछ छात्रों का पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का प्लान मंगलवार रात को फेल हो गया. छात्र संघ कार्यालय पर स्क्रीनिंग देखने के लिए रात 9 बजे छात्रों की भीड़ पहुंच गई, लेकिन इसकी शुरुआत से कुछ ही मिनट पहले छात्र संघ कार्यालय की बिजली काट दी गई. इसके बाद छात्रों के मोबाइलों पर वेब लिंक के जरिये स्क्रीनिंग शुरू करा दी गई, लेकिन मोबाइल-लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर अंधेरे में पथराव कर दिया गया. इसके चलते JNU कैंपस में हंगामा शुरू हो गया है. हालांकि पथराव करने वालों का पता नहीं चला, लेकिन इसका आरोप भाजपा के छात्र संगठन ABVP पर लगाया जा रहा है. देर रात तक कैंपस में हंगामा जारी था.
पढ़ें- Republic Day 2023: भारत पर्व के लिए बदला राजधानी का ट्रैफिक प्लान, जानिए 31 जनवरी तक किन रास्तों पर नहीं जाना है
SFI ने जेएनयू प्रशासन पर लगाए आरोप
इससे पहले वामपंथ समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की अध्यक्ष आइशी घोष ने कैंपस में ब्लैक आउट के लिए जेएनयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. आइशी ने कहा, एडमिनिस्ट्रेशन ने लोकतंत्र की आवाज दबाने के लिए इंटरनेट और बिजली कनेक्शन काटे हैं. हालांकि वे हमें डॉक्यूमेंट्री देखने से नहीं रोक पाएंगे. हम क्यूआर कोड की मदद से मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देखेंगे. बिजली काटने के करीब आधे घंटे बाद जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) ने कार्यालय पर डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए पहुंचे छात्रों को वेब लिंक बांटकर स्क्रीनिंग को मोबाइल फोन पर देखने की व्यवस्था कराई.
पढ़ें- Woman Jumped in Lion enclosure: चिड़ियाघर पहुंची नशे में धुत महिला, शेर के बाड़े में कूदी, फिर हुआ कुछ ऐसा
जेएनयू स्टूडेंट यूनियन ने पूछे 3 सवाल
इससे पहले JNUSU ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से स्क्रीनिंग पर रोक लगाने को लेकर 3 सवाल पूछे हैं. पहला, डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से कौन से एक्ट का उल्लंघन होगा? दूसरा, JNUSU ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से उन नियमों को बताने के लिए कहा है, जिसके तहत किसी स्क्रीनिंग के लिए प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक है. तीसरा, प्रशासन से उन प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए कहा है, जिनके तहत ये रोक वाली एडवाइजरी जारी की गई.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.