मानहानि मामले में राहुल गांधी के बाद अब केजरीवाल की बढ़ेंगी मुश्किलें? कोर्ट ने 26 जुलाई को पेश होने का दिया निर्देश

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 13, 2023, 04:29 PM IST

Arvind Kejriwal

PM Modi Degree Raw: गुजरात हाईकोर्ट द्वारा PM मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द किए जाने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय ने केजरीवाल के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.

डीएनए हिंदी: मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 2 साल की सजा के बाद देश में क्रिमिनल डिफेमेशन के मामलों में बाढ़ आ गई है. राहुल गांधी को अभी राहत भी नहीं मिली थी कि अब दिल्ली के सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर 'व्यंग्यात्मक' और 'अपमानजनक' बयानों से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात की एक अदालत ने गुरुवार को दिल्ली के केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को 26 जुलाई को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.

आम आदमी पार्टी (AAP) के दोनों नेताओं के खिलाफ मामला गुजरात विश्वविद्यालय (GU) की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. यहां की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने पूर्व में दोनों नेताओं को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. हालांकि, उनके वकील ने छूट संबंधी आवेदन दायर कर कहा कि केजरीवाल और संजय सिंह दिल्ली में भारी बारिश के कारण पेश नहीं हो सके. गुजरात विश्वविद्यालय के वकील अमित नायर ने याचिका का विरोध नहीं किया, लेकिन अदालत से आग्रह किया कि आप नेताओं को अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया जाए क्योंकि मुकदमे में देरी हो रही है. 

केजरीवाल और संजय सिंह को 26 जुलाई को पेश होने का निर्देश
पेशी से छूट संबंधी उनकी याचिका पर विचार करने के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसजे पांचाल ने केजरीवाल और संजय सिंह को 26 जुलाई को उपस्थित रहने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान आप नेताओं के वकील ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 309 के तहत एक और याचिका दायर की, जिसमें अदालत से गुजरात उच्च न्यायालय में संबंधित मामले की सुनवाई के मद्देनजर, इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया. नायर ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मामले के बीच कोई संबंध नहीं है. 

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इसके बाद आप नेताओं ने याचिका पर जोर नहीं दिया और इसे वापस ले लिया. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने यह देखने के बाद दोनों आप नेताओं को तलब किया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता प्रतीत होता है. गुजरात हाईकोर्ट द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द किए जाने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलनों और ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए अपमानजनक बयान दिए. इसमें कहा गया कि गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और उनका उद्देश्य विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना था.

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