जगह देश की संसद थी. मौका था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा का. जवाब देने का बारी पीएम नरेंद्र मोदी की आई. संसद में बोलने खड़े हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू किया तो मौजूदा सांसदों में शामिल राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू तक पहुंच गए. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की बातों तक पहुंच गए. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का माइंडसेट ही ऐसा है कि वह भारत के लोगों की क्षमताओं पर भरोसा ही नहीं करती.
विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए पीएम मोदी ने 'विश्वास की कमी' को इंगित करने के लिए कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयानों का जिक्र किया. साल 1959 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के स्वतंत्रता दिवस भाषण को याद करते हुए उन्होंने कहा. 'नेहरू ने लालकिले से कहा था कि भारतीयों को कड़ी मेहनत करने की आदत नहीं है.
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नेहरू, इंदिरा बहाना, कांग्रेस पर निशाना
उन्होंने कहा कि हम भारतीय यूरोप, जापान, चीन, रूस और अमेरिका जितनी मेहनत नहीं करते.' पीएम मोदी ने कहा, 'नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी होते हैं.'
कांग्रेस सांसदों की नारेबाजी और गुस्से भरे विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने कहा, "नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी और कम बुद्धिमान हैं.' पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार उल्लेख किया था कि भारतीय कठिनाइयों और बाधाओं से भागते हैं.
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राहुल गांधी पर भी कसा तंज
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक उद्धरण को पढ़ते हुए उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से, हमारी आदत है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने वाला होता है तह हम लापरवाह हो जाते हैं, जब कोई कठिनाई आती है, तो हम लापरवाह हो जाते हैं. कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरा देश विफल हो गया है. ऐसा लगता है जैसे हमने पराजय की भावना को अपना लिया है.'
इन दोनों के बयानों के जरिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए PM मोदी ने कहा, 'कांग्रेस अपनी बार-बार विफलताओं के बावजूद एक विशेष नेता को 'लॉन्च और री-लॉन्च' कर रही थी और उसने कभी भी आत्मनिरीक्षण की जरूरत महसूस नहीं की.' उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपनी मौजूदा हालत के लिए खुद जिम्मेदार हैं, चुनावी वर्ष होने के बावजूद वे अपना घर व्यवस्थित नहीं कर सके.
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