लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. पीएम नरेंद्र मोदी अपने उम्मीदवारों के साथ ही एनडीए प्रत्याशियों के लिए भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बिहार में उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और दिग्गजों की सीट के बजाय सहयोगी की सीट से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की है. जमुई से मौजूदा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) हैं जहां से इस बार उनके बहनोई अरुण भारती उम्मीदवार हैं.
जमुई रैली में पीएम ने रेल मंत्री के तौर पर नीतीश कुमार की तारीफ की, तो दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को याद कर भावुक हो गए. समझें बिहार में सहयोगियों को क्यों दे रहे पीएम इतनी तवज्जो.
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2019 का प्रदर्शन दोहराना चाहती है बीजेपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए 400 पार का नारा दिया है. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से 39 2019 में एनडीए गठबंधन ने जीती थी. 2019 से बड़ी जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी को दक्षिण के राज्यों में अपना विस्तार करना होगा, जबकि हिंदी पट्टी में पुराने प्रदर्शन को बरकरार रखना होगा. बिहार में एलजेपी और जेडीयू को साथ लेकर चलने के पीछे पीएम मोदी और बीजेपी की यही रणनीति है.
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सहयोगियों को साथ लिए बिना 400 पार संभव नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी दोनों के सामने यह तथ्य स्पष्ट है कि सहयोगियों को साथ लिए 400 पार का लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है. अकेले दम पर बहुमत के लिए भी जरूरी है कि वोटों में बिखराव न हो और जहां त्रिकोणीय मुकाबला है, वहां खास तौर पर एनडीए को एकजुट रखना जरूरी है. इसे देखते हुए ही लोकसभा चुनाव से 4 महीने पहले नीतीश कुमार की एनडीए में फिर से वापसी की गई है.
चिराग पासवान और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तारीफ कर पीएम मोदी ने एनडीए में सबको सम्मान मिलने का संकेत भी दे दिया है. साथ ही, यह इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के लिए एक चुनौती भी है. एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी अपने ही नेताओं को एकजुट नहीं रख पा रही है, तो वहीं एनडीए अपने सभी सहयोगियों को साथ लेकर मजबूती से चुनाव लड़ रही है.
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