Manipur Violence: 'केंद्र सरकार के दखल से मणिपुर के हालात सुधरे...', चुनाव के बीच बोले PM Modi

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Apr 09, 2024, 04:13 PM IST

PM Modi

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि केंद्र सरकार के वक्त रहते हस्तक्षेप करने और राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से मणिपुर (Manipur) की स्थिति बेहतर हुई है.

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) लगातार रैलियां और रोड शोज कर रहे हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में जनता को संबोधित कर रहे हैं. साथ ही वो स्थानीय मीडिया को इंटरव्यू भी दे रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने कल 'द असम ट्रिब्यून' को इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में उन्होंने मणिपुर (Manipur) को लेकर एक बड़ी बात कही है, उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के वक्त रहते हस्तक्षेप करने और राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से मणिपुर की स्थिति बेहतर हुई है.


 

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और क्या सब बोले पीएम मोदी?
इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने आगे बताया कि हमारा यकीन है कि स्थिति को संवेदनशीलता के साथ हल करना सबकी सामूहिक जवाबदेही है. मैंने इस संदर्भ में पार्लियामेंट में पहले भी अपनी बात रखी है. हमने अपने सबसे बढ़िया संसाधन और प्रशासन को इस मसले को हल करने में लगाया हुआ है.' साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि 'जब वहां अत्यधिक संघर्ष की स्थिति थी, तो देश के गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में रहे और इसे सुलझाने में सहायता के लिए उन्होंने अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ 15 से ज्यादा मीटिंग्स की. राज्य की सरकार को आवश्यकता के हिसाब से केंद्र सरकार सहयोग कर रही है. राहत और पुनर्वास के काम को किया जा रहा है. राहत और पुनर्वास के लिए आर्थिक पैकेज भी प्रदान किया गया है.'


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कैसे हिंसा का शिकार हुआ था मणिपुर?
3 मई 2023 का दिन था, और उस दिन मणिपुर में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM की तरफ से आदिवासी एकता मार्च का आयोजन किया गया था. ये मार्च चुरचांदपुर के तोरबंग क्षेत्र में की जा रही थी. इस मार्च के बीच ही आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच लड़ाई हो गई. पुलिस ने आकर भीड़ को काबू करने की कोशिश करने लगी, आंसू गैस के गोले दागे गए. स्थिति इतनी भयावह हो गई कि राज्य सरकार को केंद्र से सहायता मांगनी पड़ी. स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ने के बाद सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात कराया गया. दरअसल ये मार्च मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने की मांग के खिलाफ आयोजित हुई है. मैतेई समुदाय की ओर से एक लंबे अरसे में समुदाय को अनुसूचित जनजाति (SC) में शामिल करने की मांग की जाती रही है. 

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