डीएनए हिंदी: विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रमुखों और आध्यात्मिक हस्तियों ने अयोध्या में राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिवसीय विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू करने के फैसले के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. परमार्थ निकेतन आश्रम के चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मोदी के आह्वान से उत्साह चौतरफा बढ़ गया है.उन्होंने कहा कि लोगों को स्वयं को राष्ट्रीय हित के लिए समर्पित करना चाहिए.
उन्होंने एक संदेश में कहा, ‘हम भाग्यशाली हैं कि हमें उनके जैसा प्रधानमंत्री मिला. मंदिर 500 साल के संघर्ष और बलिदान के बाद बन रहा है. जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि मोदी की घोषणा से पता चलता है कि वह न केवल एक असाधारण प्रशासक हैं, बल्कि एक अद्वितीय उपासक भी हैं. उन्होंने कहा कि संतों और कई धार्मिक संगठनों ने भी राम मंदिर के 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए विभिन्न अनुष्ठान और कार्यक्रम शुरू किए हैं.
सभी को करना चाहिए जप-तप
गिरि ने कहा, "हर किसी को जप-तप-नियम करना चाहिए. प्राण प्रतिष्ठा वैश्विक भाईचारे, सद्भाव और प्रसन्नता के लिए है और इसीलिए प्रधानमंत्री ने भी विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया है. एक बयान में आध्यात्मिक गुरु श्री एम ने मोदी के फैसले की सराहना की और कहा कि प्रत्येक भारतीय को मानव जाति की भलाई के लिए कुछ जप-तप करना चाहिए.
हरिद्वार में धार्मिक हस्तियों द्वारा एक हवन भी आयोजित किया गया और प्रधानमंत्री के संकल्प की सफलता के लिए प्रार्थना की. मोदी ने शुक्रवार को 11 दिवसीय विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया. उन्होंने कहा कि उन्हें उनके जीवन में पहली बार एक अद्भुत अनुभव हो रहा है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता. मोदी ने कहा कि प्रभु ने उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है और वह इसे ध्यान में रखते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह इस पवित्र पल के साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा कि यह सभी भारतीयों और भगवान राम के भक्तों के लिए एक पवित्र अवसर है और हर कोई 22 जनवरी को उस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रहा है जब भगवान राम की प्रतिमा को उस स्थान पर प्रतिष्ठित किया जाएगा जिसे उनके अनुयायी उनका जन्मस्थान मानते हैं. (इनपुट-भाषा)
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