Prime Minister Narendra Modi ने NDA संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की. ज्ञात रहे कि यह तीसरी बार सत्ता में आने के बाद संसद के पहले सत्र के दौरान सत्तारूढ़ दल के सांसदों को उनका पहला संबोधन था. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने तमाम बड़ी बातें की हैं और सभी एनडीए सांसदों को सलाह दी कि, वे कांग्रेस नेता Rahul Gandhi जैसा व्यवहार लोकसभा में न करें.
बैठक में प्रधानमंत्री ने विपक्ष विशेषकर कांग्रेस को जमकर घेरा. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग बेचैन हो गए हैं क्योंकि जवाहरलाल नेहरू के बाद कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीन बार जीत हासिल नहीं कर सका, जो कि एक 'चाय बेचने वाले' ने हासिल की थी.
ज्ञात हो कि एनडीए की यह बैठक संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के बीच हो रही है.
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'आज प्रधानमंत्री ने हमें एक महत्वपूर्ण मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सांसद देश की सेवा करने के लिए सदन में चुना गया है. चाहे वे किसी भी पार्टी से हों, देश की सेवा हमारी पहली जिम्मेदारी है.'
रिजिजू ने ये भी कहा कि, 'एनडीए के हर सांसद को देश को प्राथमिकता देते हुए काम करना होगा. प्रधानमंत्री ने सांसदों के आचरण के बारे में भी हमें अच्छी तरह से मार्गदर्शन किया और कहा कि हर सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र के मामलों को सदन में नियमों के अनुसार बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत करना चाहिए.उन्होंने हमें रुचि के अन्य प्रमुख मुद्दों में विशेषज्ञता विकसित करने के लिए भी कहा.
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के उस अनुरोध का भी जिक्र किया जिसमें पीएम मोदी की तरफ से कहा गया था कि हर सांसद को अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री संग्रहालय आना चाहिए.
गौरतलब है कि संसद में राहुल गांधी के बयान के बाद पूरी कांग्रेस पार्टी उनके बचाव में आ गई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के दौरान 'विभाजनकारी' भाषण देने का आरोप लगाया.
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