डीएनए हिंदी: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून तक तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर थे. पीएम मोदी का यह दौरा बेहद ऐतिहासिक रहा. अमेरिका में पीएम का भव्य स्वागत किया गया. आखिरी दिन पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की और दोनों नेताओं ने कई विषयों को लेकर खुलकर बात की. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती इस दोस्ती से चीन तिलमिलाने लगा है. वह अब भारत को नसीहत दे रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिका को लेकर भारत को चेताया है.
ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अमेरिका से सावधान रहने की जरूरत है. अमेरिका की आदत है कि वह अपने फायदे के लिए हमेशा दूसरे देशों का इस्तेमाल करता है. वह उन्ही देशों से गठजोड़ करता है, जिनसे उसे लाभ हो. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से निपटने के लिए अमेरिका भारत का इस्तेमाल कर रहा है. वह चीन से पूरा डरा हुआ है. यही वजह है कि वह हमारे पड़ोसी देश भारत को इतनी वरीयता दे रहा है. अमेरिका के धोखे से भारत को सतर्क रहना होगा.
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जियोपोलिटिक्स को सत्ता के चश्मे से देखता है अमेरिका
रिपोर्ट में अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने एक बार कहा था कि अमेरिका का कोई स्थाई दोस्त नहीं हो सकता, उसके लिए केवल हित ही स्थाई होते हैं. लेख में आगे कहा गया है कि अमेरिका की आदत वह जियोपोलिटिक्स (भूगोल पर आधारित राजनीति) को सत्ता और ताकत के चश्मे से देखता है. अमेरिका कोई अपने बल पर सुपरपावर नहीं बना है, बल्कि दूसरे देशों को इस्तेमाल कर वह इस मुकाम पर पहुंचा है.
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भारत-US के बीच तेजी से बढ़ रहा आर्थिक संबंध
बता दें कि पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ रक्षा क्षेत्र और अंतरिक्ष में साथ मिशन समेत कई बड़ी डील की. उन्होंने अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान दर्जनों अमेरिकी व्यवसायियों और कंपनियों के सीईओ से से मुलाकात की. इनमें टेस्ला के एलन मस्क, एडोबी सिस्टम्स के सीईओ शांतनु नारायण, वीजा के सीईओ रयान मैकइनर्नी, मास्टरकार्ड के CEO माइकल मीबैक और कोका कोला के सीईओ जेम्स क्विंसी भी शामिल थे. यही वजह है कि अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते आर्थिक संबंध को देखकर चीन अब घबराने लगा है.
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