डीएनए हिंदी: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) भारत दौरे पर हैं. फुमियो किशिदा ने सोमवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की. इस दौरान फुमियों ने भारत के पारंपरिक खाने का स्वाद चखा. पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री को गोलगप्पे खिलाए और उसके बाद लस्सी का स्वाद भी चखाया. खाने के बाद दोनों देशों के नेता दिल्ली के बुद्ध पार्क में सैर करते नजर आए.
पीएम मोदी ने भारत की राजकीय यात्रा पर आए अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा को ‘कदमवुड जाली बॉक्स’ (कदम्ब की लकड़ी से बना जालीदार बक्सा) में लगी चंदन की बुद्ध की प्रतिमा भेंट की. कलाकृति कर्नाटक की समृद्ध विरासत से जुड़ी हुई है. अधिकारियों ने कहा कि चंदन की नक्काशी की कला एक उत्तम और प्राचीन शिल्प है जो सदियों से दक्षिणी भारतीय राज्य में प्रचलित है और इस शिल्प में सुगंधित चंदन के ब्लॉकों में जटिल डिजाइनों को तराशना, जटिल मूर्तियां, मूर्तियां और अन्य सजावटी सामान बनाना शामिल है.चंदन के पेड़ भारत में पाए जाते हैं और इसकी लकड़ियां सदियों से भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है. इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान और बेशकीमती लकड़ियों में से एक माना जाता है.
ये भी पढ़ें- '10 लाख नौकरियां, हर महीने 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता', कर्नाटक में राहुल गांधी की 5 बड़ी घोषणाएं
किशिदा ने की रूस के हमले की निंदा
फुमियो किशिदा ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी योजना पेश करने के बाद कहा कि क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए भारत अपरिहार्य है और किसी भी देश को अपने क्षेत्रीय दावे को आगे बढ़ाने की कोशिश में बल प्रयोग नहीं करना चाहिए. किशिदा ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की भी कड़ी निंदा की और कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के वैश्विक सिद्धांतों का दुनिया के हर कोने में पालन किया जाना चाहिए. किशिदा ने यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिए संदेश का भी उल्लेख किया कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है.
जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने भारत-जापान ‘विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी’ को और मजबूत करने पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापक वार्ता करने के कुछ घंटे बाद, शीर्ष राजनयिकों, दूतों और सामरिक मामलों के विशेषज्ञों की उपस्थिति में भाषण दिया. किशिदा ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के लिए अपने दृष्टिकोण का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अपरिहार्य है. जापानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि तोक्यो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता में योगदान देने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा.
ये भी पढ़ें- Amritpal Singh पर NSA लगाने की तैयारी में पंजाब पुलिस, जानें क्या है ये और क्यों घबराते हैं इससे बदमाश
किशिदा ने कहा कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और बल द्वारा यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का विरोध जैसे सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए. सिद्धांतों का दुनिया के हर कोने में पालन किया जाना चाहिए.’ किशिदा की यह टिप्पणी यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रमकता को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आई है. किशिदा ने कहा कि देशों को समुद्र में अपने दावों को आगे बढ़ाने की कोशिश में बल प्रयोग नहीं करना चाहिए. (भाषा इनपुट के साथ)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.