Agni-5 मिसाइल का पहला परीक्षण सफल, PM मोदी ने DRDO को दी बधाई

Written By रईश खान | Updated: Mar 11, 2024, 07:38 PM IST

PM Narendra Modi

PM Modi Address: पीएम नरेंद्र मोदी ने अग्नि-5 के सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को अग्नि-5 के सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि मिशन दिव्‍यास्‍त्र सफल हुआ है.  उनकी पोस्ट से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन करेंगे. जिसमें वो CAA लागू करना या किसानों के लिए MSP पर ऐलान कर सकते हैं.

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण.’ एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है.

इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी.मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. यह सुनिश्चित करेगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर कई आयुध तैनात कर सके. इस परियोजना निदेशक एक महिला हैं और इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.

हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और उच्च सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है. यह क्षमता भारत के बढ़ते प्रौद्योगिकीय कौशल का भी प्रतीक है. अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है और इसे देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है. यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक सीमा के तहत ला सकती है.

अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है और पहले ही तैनात की जा चुकी हैं. भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमाओं के भीतर और बाहर दुश्मन देशों की बैलिस्टिक मिसाइल को भेदने की क्षमताएं विकसित कर रहा है.

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