PM मोदी ने बांग्लादेश के चुनाव में प्रचंड जीत के लिए शेख हसीना को दी बधाई

Written By रईश खान | Updated: Jan 09, 2024, 12:20 AM IST

पीएम मोदी ने शेख हसीना को चुनाव में जीत की बधाई दी (फाइल फोटो)

आम चुनाव में मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत बांग्लादेश का एक घनिष्ठ मित्र है. दोनों पड़ोसियों ने द्विपक्षीय रूप से कई समस्याओं का समाधान किया है.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के आम चुनाव में जीत दर्ज करने पर शेख हसीना को बधाई दी और कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ स्थायी और जन केंद्रित साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री शेख हसीना से फोन पर बात की और संसदीय चुनावों में लगातार चौथी बार ऐतिहासिक जीत हासिल करने पर उन्हें बधाई दी.’ 

पीएम मोदी चुनाव के सफल आयोजन के लिए बांग्लादेश के लोगों को भी बधाई दी और कहा, 'हम बांग्लादेश के साथ अपनी स्थायी और जन केंद्रित साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत हासिल की है. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था.

223 सीटों पर प्रचंड जीत की हासिल
मीडिया की खबरों के अनुसार, शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने 300 सीट वाली संसद में 223 सीट पर जीत हासिल की. एक उम्मीदवार के निधन के कारण 299 सीट पर चुनाव हुए थे. इस सीट पर मतदान बाद में होगा. हसीना 2009 से सत्ता में हैं और एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है. अहम बात यह है कि 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से ऐसा दूसरी बार है, जब सबसे कम मतदान हुआ.

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'भारत बांग्लादेश का एक घनिष्ठ मित्र' 
चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को कहा कि भारत बांग्लादेश का एक घनिष्ठ मित्र है. दोनों पड़ोसियों ने द्विपक्षीय रूप से कई समस्याओं का समाधान किया है. हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी ने लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत दर्ज की है. साल 2009 से रणनीतिक रूप से अहम दक्षिण एशियाई देश पर शासन कर रहीं 76 वर्षीय नेता ने रविवार को हुए एकतरफा चुनाव में कुल मिलाकर पांचवां कार्यकाल हासिल किया. हालांकि, चुनाव में कम वोट पड़े थे.

शेख हसीना ने कहा कि भारत बांग्लादेश का बहुत घनिष्ठ मित्र है. उसने 1971 में और 1975 में भी हमारा समर्थन किया. उसने मुझे और मेरी बहन और मेरे परिवार के अन्य सदस्यों को आश्रय दिया. वह अपने परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद छह साल तक भारत में निर्वासन में रहने के वक्त का उल्लेख कर रही थीं. अगस्त 1975 में शेख मुजीबुर रहमान, उनकी पत्नी और उनके तीन बेटों की उनके घर में सैन्य अधिकारियों ने हत्या कर दी थी. उनकी बेटियां हसीना और रेहाना विदेश में होने के कारण बच गईं थी. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “हम भारत को अपना निकटवर्ती पड़ोसी मानते हैं. हमारे बीच कई समस्याएं थीं, लेकिन हमने इसे द्विपक्षीय तरीके से हल किया. इसलिए मैं वास्तव में इसकी सराहना करती हूं कि भारत के साथ हमारे अद्भुत संबंध हैं.

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