Bullet Train Project : NHSRCL के MD घोटाले में बर्खास्त, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को बनाने की थी जिम्मेदारी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 08, 2022, 07:49 PM IST

मुंबई से अहमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को संभाल रही कंपनी NHSRCL के मैनेजिंग डायरेक्टर पर एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है. उनके खिलाफ लोकपाल अदालत की तरफ से CBI जांच के फैसले के बाद रेलवे ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मेगा ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बुलेट ट्रेन भी घोटाले से नहीं बच सकी है. रेलवे ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम देख रही कंपनी NHSRCL के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया है. एक सीनियर रेलवे अफसर ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सतीश की जगह नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के डायरेक्टर प्रोजेक्ट राजेंद्र प्रसाद को मैनेजिंग डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी भी दे दी गई है. फिलहाल वे अगले तीन महीने यह जिम्मेदारी संभालेंगे.

अहमदाबाद से मुंबई तक बन रहा है पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट

देश की पहली बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी, जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. भारत और जापान के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सितंबर, 2013 में MOU किया गया था. करीब 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में हरी झंडी दिखा दी थी. इसके लिए केंद्र सरकार और गुजरात व महाराष्ट्र राज्य सरकारों की साझा हिस्सेदारी वाली कंपनी NHSRCL का गठन किया गया था.

2023 तक दौड़नी थी, लेकिन अटकती रही है बुलेट

उस समय इसकी डेडलाइन दिसंबर, 2023 तय की गई थी, लेकिन कोविड-19 के प्रभाव के कारण इसका काम अटक गया था. इससे पहले इसके लिए जमीन अधिग्रहण में भी तमाम तरह की कानूनी बाधाएं आई थीं। अब भी महाराष्ट्र राज्य सरकार व वन विभाग की तरफ से जमीन अधिग्रहण के कई प्रस्ताव लंबित रखे गए हैं. इस तरह की देरी के कारण अब इस प्रोजेक्ट को 2026 तक शुरू कर दिए जाने की तैयारी है. 

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लोकपाल के डिसिजन के कारण बर्खास्त हुए अग्निहोत्री

PTI की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीनियर रेलवे अफसर के मुताबिक, NHSRCL के MD अग्निहोत्री के ऊपर अपने पद का दुरुपयोग करने और प्रोजेक्ट के फंड को अवैध तरीके से एक निजी कंपनी को डायवर्ट करने का आरोप है. उनकी बर्खास्तगी लोकपाल अदालत की तरफ से 2 जून को दिए गए डिसिजन के बाद की गई है. 

CBI को जांच करने के लिए कहा था लोकपाल ने

उन्होंने कहा कि लोकपाल अदालत ने NHSRCL के पूर्व MD की तरफ से 9 साल तक रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) का CMD रहने के दौरान एक निजी कंपनी के साथ की गई डील की CBI जांच करने का आदेश दिया था. लोकपाल ने CBI को जांच में यह देखने के लिए कहा है कि अग्निहोत्री ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988) के तहत कोई अपराध किया है या नहीं. लोकपाल ने CBI को जांच के बाद 12 दिसंबर, 2022 से पहले अपनी रिपोर्ट लोकपाल कार्यालय में दाखिल करने का आदेश दिया है. 

रेलवे बोर्ड ने 7 जुलाई को जारी किया टर्मिनेशन लेटर

रेलवे बोर्ड की तरफ से सतीश अग्निहोत्री का टर्मिनेशन लेटर 7 जुलाई को NHSRCL के कंपनी सेक्रेट्री को भेजा गया है, जिसमें उन्हें तत्काल प्रभाव से रिलीव करने को कहा गया है. अधिकारियों के मुताबिक, अग्निहोत्री पर RVNL से रिटायर होने के एक साल के अंदर ही एक निजी कंपनी में जॉब हासिल करने का भी आरोप है, जबकि इस पर सरकारी सेवा नियमों में बैन लगाया गया है. उनके खिलाफ शिकायत NHSRCL में MD बनने पर उनके ही पुराने बैचमेट अधिकारियों ने  की थी, जिसके आधार पर लोकपाल ने जांच कराई थी. हालांकि PTI की रिपोर्ट में कहा गया है कि अग्निहोत्री से उन पर लगे आरोपों के बारे में पूछने के लिए संपर्क नहीं हो सका है.

1982 बैच के IRS अफसर हैं अग्निहोत्री

सतीश अग्निहोत्री भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 1982 बैच के अधिकारी हैं. उन्हें जुलाई 2021 में NHSRCL का MD बनाया गया था. इससे पहले वह RVNL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रहे थे. उन्हें मेगा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम करने का 20 साल से ज्यादा लंबा अनुभव रहा है. वह हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (HSRC) के भी चेयरमैन रह चुके हैं.

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