डीएनए हिंदी: भारत में आयोजित होने जा रहे G20 सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद, साइबर अपराध, विदेश नीति, जी-20 और जातिवाद जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी है. कश्मीर में हुई जी-20 की बैठक और इस पर हो रहे ऐतराज पर पीएम मोदी ने साफ कहा है कि वह चाहे अरुणाचल प्रदेश का कोई हिस्सा हो या फिर कश्मीर, भारत कहीं भी बैठक कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक भारत में जातिवाद और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं होगी. उन्होंने रूस और यूक्रेन के युद्ध के मुद्दे पर भी कहा कि कोई भी समस्या हो उसे कूटनीति और वार्ता से सुलझाया जा सकता है.
दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन के बारे में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की जी-20 अध्यक्षता के कई सकारात्मक परिणणा हैं और इनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करी हैं. दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण, अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है. भारत इसमें उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है.' उन्होंने आगे कहा कि 'सब का साथ, सबका विकास' का नारा विश्व कल्याण के लिए भी एक मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है.
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'2047 तक जातिवाद और भ्रष्टाचार मुक्त होगा भारत'
भविष्य की तस्वीर खींचते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र होगा. भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता की हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई जगह नहीं होगी. जी 20 में हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को विश्व ने केवल विचारों के रूप में ही नहीं बल्कि भविष्य के एक रोडमैप के रूप में देखा है. लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में देखा जाता था, अब यह एक अरब महत्वाकांक्षी मस्तिष्क और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है.'
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उन्होंने आगे कहा, 'आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका है जिसे अगले एक हजार वर्षों तक याद किया जाएगा.' एक दशक से भी कम समय में पांच पायदान की छलांग लगाने की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निकट भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा. PM मोदी ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी 20 की बैठकें आयोजित करने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि (भारत के) हर भाग में बैठक आयोजित होना स्वाभाविक है.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में पीएम मोदी ने कहा, 'विभिन्न जगहों पर अलग-अलग संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है.' उन्होंने आतंकवाद के नए-नए तरीकों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए डार्कनेट, मेटावर्स और क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं. इसका असर राष्ट्रों के सामाजिक ताने-बाने पर पड़ सकता है.
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