क्या हैं Param Rudra Super Computer, पीएम मोदी ने किए लॉन्च, जानें इसकी खासियत

Written By रईश खान | Updated: Sep 26, 2024, 09:05 PM IST

PM Narendra Modi

Param Rudra Super Computer: सुपर कंप्यूटर में गिने-चुने देशों की महारत मानी जाती थी. हमने 2015 में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन शुरू किया और आज भारत सुपर कंप्यूटर की दिशा में बड़े देशों की बराबरी कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर लॉन्च किए, जो स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं. पीएम मोदी ने कहा कि  कोई देश तभी बड़ी उपलब्धियों का लक्ष्य रख सकता है, जब उसके पास बड़ी दृष्टि हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टेक्नोलॉजी का अपडेशन गरीबों को सशक्त बनाने के लिए होना चाहिए. इन सुपर कम्यूटर को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.

पीएम मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि आज का भारत संभावनाओं के अनंत आकाश में नए अवसरों का निर्माण कर रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि प्रौद्योगिकी में अनुसंधान से आम आदमी को फायदा हो. विज्ञान की सार्थकता केवल आविष्कार और विकास में नहीं, बल्कि सबसे अंतिम व्यक्ति की आशा और आकांक्षाओं को पूरा करने में है. आज अगर हम हाईटेक हो रहे हैं तो ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी हाईटेक टेक्नोलॉजी गरीबों की ताकत बने.

'हम यहीं रुकने वाले नहीं'
उन्होंने कहा, ‘एक समय सुपर कंप्यूटर में गिने-चुने देशों की महारत मानी जाती थी. हमने 2015 में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन शुरू किया और आज भारत सुपर कंप्यूटर की दिशा में बड़े देशों की बराबरी कर रहा है. हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं. 

उन्होंने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी टेक्नोलॉजी में भारत अभी से अग्रणी हो रहा है. इस क्षेत्र में भारत को आगे ले जाने में हमारे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की बड़ी भूमिका होगी. यह नई टेक्नोलॉजी आने वाले समय में हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल देने वाली है. इससे आईटी क्षेत्र, विनिर्माण, उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आएंगे और नए अवसर बनेंगे.

पुणे में विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी), फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा. दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUC) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा जबकि कोलकाता में एसएन बोस केंद्र भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा. (PTI इनपुट के साथ)

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