डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए रवाना हो गए हैं. उनकी यह यात्रा 3 दिन की है. 13 से 15 जुलाई के बीच वह फ्रांस के पेरिस और अरब देश यूएई जाएंगे. पेरिस में वह बैस्टिल डे पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. इसके अलावा, वह फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल, फ्रांस की सम्मानित हस्तियों और शीर्ष कंपनियों के CEO से मुलाकात भी करेंगे. इसके बाद वह यूएई जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यान से होनी है. भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया है कि पीएम मोदी 13 और 14 तारीख को फ्रांस में रहेंगे और उसके बाद UAE जाएंगे.
फ्रांस पहुंच रहे पीएम मोदी का आधिकारिक दौरा 14 जुलाई से शुरू होगा. वह फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह यानी बैस्टाइल डे कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. इस बार फ्रांस की बैस्टिल डे परेड में भारतीय एयरफोर्स के तीन विमानों के साथ-साथ सशस्त्र बलों की एक बड़ी टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है. एयरफोर्स के विमान इस कार्यक्रम के आखिर में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की तरह की फ्लाइपास्ट करेंगे.
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कंपनियों के CEO से भी मिलेंगे पीएम मोदी
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की यह छठी फ्रांस यात्रा है. इस दौरे पर फ्रांस के राष्ट्रपति पीएम मोदी के सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी करेंगे. इसके अलावा वह पीएम मोदी प्राइवेट डिनर के लिए भी न्योता देंगे. पीएम मोदी फ्रांस के प्रधानमंत्री, सीनेट और नेशनल असेंबली के अध्यक्षोंसे भी मुलाकात करेंगे. इसके अलावा, वह भारतीय समुदाय के लोगों, गणमान्य हस्तियों और भारत और फ्रांस की कंपनियों के CEO से भी मुलाकात करेंगे.
फ्रांस से लौटते समय पीएम मोदी यूएई जाएंगे. वहां उनकी मुलाकात यूएई के शासक शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यान से होनी है. ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, रक्षा और कई अन्य मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच अहम चर्चा होनी है. दोनों देश मेडिकल, शिक्षा, उर्जा, फिनटेक और कई अन्य मामलों में एक-दूसरे के अच्छे सहयोगी हैं ऐसे में इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है.
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क्या है Bastille Day?
फ्रांस में 14 जुलाई 1789 को जेल और सैन्य किले के रूप में मशहूर रहे बैस्टिल का पतन हुआ था. गुस्साई जनता ने इस पर धावा बोल दिया था और इसी तरह फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत हुई थी. इस किले को क्रांतिकारियों की जेल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. यही वजह थी कि जनता ने इस पर हमला बोल दिया और कई क्रांतिकारियों को छुड़ा लिया. इसे फ्रांस के सबसे अहम दिन के तौर पर मनाया जाता है. भारत के गणतंत्र दिवस की तरह ही इस दिन फ्रांस में सेना की परेड और अन्य कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
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