डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ‘पीपल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ (PAFF) नाम के आतंकी संगठन ने ली है. यह पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक ब्रांच मानी जाती है. इस संगठन को हथियार देने से लेकर ट्रेनिंग तक की सुविधाएं जैश की ओर से मुहैया कराई गई थी. आतंकियों की तलाश जारी है और एनआईए अपने स्तर पर जांच कर रही है. कुछ स्थानीय लोगों को भी लेकर पूछताछ की जा रही है. सीमा पार से आतंकी हमले के पुख्ता प्रमाण जांच एजेंसियों को मिले हैं. इस हमले के लिए आतंकियों ने अमेरिका में बनी M-4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया है.
पुंछ आतंकी हमला सुरनकोट थाना इलाके में ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच गुरुवार की दोपहर बाद हुआ था. इसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं और दो की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. जांच में पता चला है कि आतंकियों ने M-4 कार्बाइन राइफल्स का इस्तेमाल किया था. इसमें स्टील की बुलेट का इस्तेमाल किया गया है जो कि काफी घातक होती है. कुछ स्थानीय लोगों के भी आतंकी वारदात में मदद पहुंचाने की आशंका है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में कंपकंपी वाली ठंड, कोहरे और धुंध ने भी बढ़ाई टेंशन
कुछ स्थानीय लोगों को लिया हिरासत में
शुक्रवार को आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर इलाके की घेराबंदी की गई है. डॉग स्क्वॉड और हवाई निगरानी के जरिए आतंक के सूत्र तलाशे जा रहे हैं. नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम मामले की जांच कर रही है. सेना की 16वीं कोर के GOC लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने भी इलाके का दौरा किया है. सूत्रों का कहना है कि जांच टीम के हाथ कुछ अहम साक्ष्य लगे हैं और सेना ने डेरा गली से कुछ स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया है. जांच टीम को आशंका है कि कुछ स्थानीय लोगों ने भी आतंकियों की मदद की और इनपुट दिए हैं.
पुंछ और रजौरी में 30 आतंकियों के एक्टिव होने की आशंका
जांच एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि पुंछ और रजौरी में इस वक्त 30 आतंकी सक्रिय हैं और उनकी धर-पकड़ के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आतंकियों ने हमले के बाद सैनिकों के शवों को क्षत-विक्षत किया था और उनके हथियार भी लूट लिए. पीर पंजाल के जिस इलाके में यह आतंकी वारदात हुई है वह पिछले दो साल में आतंकियों के लिए हॉट स्पॉट बन गया है. इस इलाके में पिछले दो साल में 34 सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं.
यह भी पढ़ें: 'कंपनियों को क्यों पता हो महिला कर्मचारियों का मासिक धर्म,' पीरियड लीव पर स्मृति इरानी बोलीं
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.