डीएनए हिंदी: आमतौर पर कानूनी कार्यवाही को लंबे समय तक चलने वाली माना जाता है. कई बार तो अपराधी को सजा दिलाने में कई दशक लग जाते हैं. अब उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत ने गैंगरेप के एक केस में इस धारणा को तोड़ दिया है. नाबालिग लड़की से गैंगरेप करने के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने सिर्फ साढ़े तीन महीने में ही आजीवन कारावास की सजा सुना दी है.
प्रतापगढ़ जिले की विशेष पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में महज साढ़े तीन महीने के अंदर सुनवाई पूरी करते हुए दोषी चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 23 सितंबर 2022 की दोपहर 16 वर्षीय लड़की रामापुर बाजार गई थी. वापस नहीं आने पर उसकी तलाश की गई तो वह प्रयागराज-अयोध्या हाइवे पर स्थित गंजेहड़ा जंगल के निकट अचेत अवस्था में पाई गई थी.
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मामा के घर जाते समय अपहरण करके किया था गैंगरेप
लड़की को मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां होश में आने पर पुलिस को दिए गए बयान में उसने कहा कि वह अपने घर से मामा के घर विश्वनाथगंज बाजार जा रही थी, तभी रास्ते में शिवम सरोज, मुन्नू, रफीक और तौफीक उर्फ तफसीर नामक आरोपियों ने उसकी साइकिल रोक ली. ये लोग उसे जबरन गंजेहड़ा जंगल ले गए और उससे गैंगरेप किया.
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इतना ही नहीं, इन आरोपियों ने पीड़िता की पायल और 400 रुपये भी लूट लिए. विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) पंकज कुमार श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को चारों आरोपियों शिवम सरोज, मुन्नू, रफीक और तौफीक को दोषी मानते हुए कठोर आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
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