डीएनए हिंदी: हाल ही में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने पहुंची थीं. इस मौके पर मंच पर ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, केंद्रीय मंत्री कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी बैठे थे. इस कार्यक्रम में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के तमाम जज भी थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्याय व्यवस्था और अदालत से फैसले मिल जाने के बावजूद उन्हें लागू करने में देरी को लेकर सरेआम सबको खूब सुनाया. उन्होंने कहा कि लोग उनके पास शिकायत लेकर आते हैं कि मैडम फैसला तो हुआ लेकिन जो चाहिए था वह नहीं हुआ.
अपने संबोधन को खत्म करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'आज यहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस कानून मंत्री, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज और तमाम वकील बैठे हैं इसलिए मैं कहना चाहती हूं. कुछ फैसले सुप्रीम कोर्ट से होते हैं, कुछ हाई कोर्ट से होते हैं. जिनके पक्ष में फैसला जाता है वो नाचते हैं गाते हैं लेकिन कुछ दिन में उनकी खुशी गायब हो जाती है क्योंकि जिसके लिए वह खुश थे वह उनको मिलता नहीं है.'
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सरकार को भी दी नसीहत
उन्होंने आगे कहा, 'मैं छोटे से गांव से आई हूं. बहुत सारे लोग मेरे पास आते हैं कि मैडम मैं केस तो जीत गया लेकिन जो न्याय मिलना चाहिए हमें नहीं मिल रहा. मैं अभी चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ साहब से बात कर रही थी, वह भी बोले कि हां ऐसे केस हैं. मैं कहती हूं कि मुझे पता नहीं कि इसका रास्ता है या नहीं. यहां तमाम जज, वकील और कानून मंत्री बैठे हैं. मुझे लगता है कि उन लोगों को न्याय मिलना चाहिए.'
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सरकार और अदालतों को नसीहत देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'मुझे लगता है कि इसका रास्ता निकालना चाहिए. उन्हें सही मायने में न्याय देने की जिम्मेदारी आपकी है. नियम हम बनाते हैं, नहीं है तो बनाना चाहिए. ऐसे बहुत सारे केस मेरे पास आते हैं, मैं उन्हें चीफ जस्टिस को भेजूंगी.'
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