Droupadi Murmu: भारत की राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, जानिए पहले संबोधन की बड़ी बातें

Written By यशवीर सिंह | Updated: Jul 25, 2022, 11:39 AM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला संबोधन

Droupadi Murmu First Speech: राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने पहले संबोधन में कहा, "मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं."

डीएनए हिंदी: द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. वह भारत की 15वीं राष्ट्रपति हैं. द्रौपदी मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल और ओडिशा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. आज उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है. मेरा नामांकन इस बात का प्रमाण है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं."

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आइए आपको बताते हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन में क्या कहा

  1. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत जोहार कहकर की. उन्होंने कहा, "जोहार! नमस्कार! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे."
  2. उन्होंने कहा, "भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं. आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है. मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा."
  3. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है. ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है."
  4. उन्होंने कहा, "मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं. मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है."
  5. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "मैं देश की पहली राष्ट्रपति हूं जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है. स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी."

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