President Election 2022: विपक्षी खेमे में लगी बड़ी सेंध, कांग्रेस की सहयोगी पार्टी करेगी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन!

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 06, 2022, 11:33 PM IST

President Election 2022 को लेकर अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि झारखंड में कांग्रेस की सहयोगी सत्ताधारी पार्टी भी अपना समर्थन एनडीए की प्रत्याशी को पक्ष में देने के मूड में हैं.

डीएनए हिंदी: देश में राष्ट्रपति चुनावों को लेकर हाल ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने एक बयान में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने के संकेत दे दिए थे जिसके बाद कांग्रेस काफी भड़क गई थी. वहीं अब कांग्रेस (Congress) की ही एक सहयोगी पार्टी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर कांग्रेस को धोखा दे सकती है क्योंकि पार्टी अपना वोट विपक्षी दलों के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को देने के बजाए  द्रौपदी मुर्मू को देने पर सहमत हो सकती है. 

दरअसल, झारखंड से आने वाली केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राष्ट्रपति चुनावों को लेकर एक बड़ी मांग कर डाली है. उन्होंने देश भर की सभी महिला विधायकों और सांसदों से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील कर डाली है जो कि एक आदिवासी हैं. उनके संघर्षों की कहानी आपको अनेकों किताबों और अखबारों के माध्यम से पता लगती रही हैं. 

कांग्रेस की बढ़ेगी मुश्किलें

झारखंड से आने वाली केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को अपने मतभेदों को दूर रखना चाहिए और महिला सशक्तिकरण और महिला प्रतिनिधित्व को बनाए रखने के लिए मुर्मू का समर्थन करना चाहिए. उनका यह अनुरोध झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन सरकार के लिए खतरा माना जा रहा है क्योंकि पहले ही द्रौपदी मुर्मू का  नाम सामने आने के बाद कांग्रेस को यह डर है कि एक बड़ाआदिवासी वोट बैंक एनडीए उम्मीदवार की ओर चला जाएगा. 

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क्या थी मंत्री की अपील

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि हम देश के सभी महिला सांसदों और विधायकों से अपील करना चाहते हैं कि लोग पार्टी से ऊपर उठें और महिलाओं के प्रतिनिधित्व का समर्थन करें. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मुर्मू ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सुप्रीमो शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और उम्मीद है कि मजबूत ब्रेसिज हासिल करेंगे और आसानी से द्रौपदी मुर्मू की जीत का रास्ता प्रशस्त करेंगे. 

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ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यदि झारखंड में इस बार राष्ट्रपति चुनावों में भी पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग होती है तो यह झारखंड की गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है इसलिए कांग्रेस के लिए राष्ट्रपति चुनाव तक का समय काफी मुश्किलों भरा माना जा रहा है. 

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