डीएनए हिंदी: देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इससे आज शाम तक पर्दा हटा जाएगा. राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए डाले गए मतों की आज गिनती की जाएगी. अनुमान अगर आंकड़ों के अनुसार लगाया जाए तो द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने की संभावना प्रबल है. सियासी जानकारों की मानें तो भाजपा ने बहुत सोच समझ कर राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम का चयन किया था, उनका राष्ट्रपति बनना भाजपा को बड़ा लाभ पहुंचा सकता है. आइए आपको बताते हैं द्रौपदी मुर्मू को आगे बढ़ाकर भाजपा ने किस रणनीति पर काम शुरू किया है.
आदिवासी वोटों पर है भाजपा की नजर
सियासी गलियारों में साल 2014 के बाद से यह बार-बार कहा जा रहा है कि 'मोदी-शाह की भाजपा' हर समय चुनाव की तैयारी करती है, वह छोटे से छोटे कार्यक्रम का इस्तेमाल भी इस तरह करती है कि भविष्य के चुनाव में उसे फायदा मिले. बस इसी वजह से भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का चयन राष्ट्रपति पद उम्मीदवार के रूप में किया है.
पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना आज, द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा, किसके लिए सजेगा रायसीना हिल्स?
दरअसल द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं और भाजपा की नजर अब इन्हीं वोटों पर है. भले ही भाजपा पिछले 2 लोकसभा चुनावों में जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में सफल रही हो लेकिन विधानसभा चुनावों में उसका आदिवासी बाहुल्य इलाकों में प्रदर्शन कमजोर रहा है.
पढ़ें- National Herald: सोनिया गांधी से आज ED की पूछताछ, देशभर में कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन
एमपी, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन ऐसी सीटों पर भाजपा से काफी बेहतर था. गुजरात में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में ST के लिए रिजर्व 27 सीटों में से 15 पर कांग्रेस जबकि भाजपा ने महज 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. गुजरात में इस साल के अंत में फिर से चुनाव होने हैं.
पढ़ें- President Election 2022- अब तक के 14 राष्ट्रपति और उनसे जुड़ी 6 बातें जिन्हें याद रखना जरूरी है
गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में साल 2023 में चुनाव होंगे. छत्तीसगढ़ में ST के लिए रिजर्व सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक तरह से डंका बजा दिया था. कांग्रेस पार्टी ने यहां ST के लिए रिजर्व 29 विधानसभा सीटों में से से 27 पर कब्जा कर लिया था. भाजपा को यहां सिर्फ 2 सीटें नसीब हईं थीं.
पढ़ें- राष्ट्रपति होते हैं देश के पहले नागरिक, जानिए आपका लिस्ट में कौन सा है नंबर
राजस्थान में कांग्रेस ने ST के लिए रिजर्व 25 विधानसभा सीटों में से 13 पर कब्जा किया था जबकि भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं. बात अगर अन्य राज्यों की रिजर्व सीटों की करें तो उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की 97 आदिवासी प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा के सिर्फ 4 MLA हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि झारखंड में भाजपा का पिछला विधानसभा चुनाव हारने की एकमात्र वजह यहां गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है.
पढ़ें- Presidential Elections 2022: फ्लाइट में सवार होकर दिल्ली पहुंचे Mr Ballot Box, जानें पूरी कहानी
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.