Presidential polls 2022: द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा, राष्ट्रपति चुनाव में कौन है कितना मजबूत?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 22, 2022, 09:54 AM IST

द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा. (फाइल फोटो)

द्रौपदी मुर्मू इस देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन सकती हैं. उनके खिलाफ विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को उतारा है.

डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गहन मंथन के बाद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को राष्ट्रपति पद (President Election 2022) का उम्मीदवार बनाया है. 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्षी दलों ने भी पूरा दमखम लगा दिया है. द्रौपदी मुर्मू का चेहरा सियासत में नया नहीं है. वह झारखंड (Jharkhand) की राज्यपाल रह चुकी हैं तो वहीं ओडिशा सरकार में अहम मंत्रालय भी संभाल चुकी हैं.

विपक्ष ने संयुक्त रूप से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है. कभी यशवंत सिन्हा की गिनती बीजेपी के शीर्ष नेताओं में होती थी. वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी करीबियों में शुमार रहे हैं. जब नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें दरकिनार किया गया तब से उन्होंने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

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विपक्ष को राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) पर भरोसा है. यशवंत सिन्हा पहले बीजेपी में ही थे और वाजपेयी सरकार में वो देश के वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी और वो मोदी का विरोध करने वाले नेताओं में शामिल हो गए थे. उन्होंने अलग मोर्चा बनाने की कोशिश भी की लेकिन उसका असर धरातल पर नजर नहीं आया.

राष्ट्रपति चुनाव में कितनी मजबूत है बीजेपी?

भारतीय जनता पार्टी के हाथ राष्ट्रपति चुनावों में सबसे मजबूत हैं. बीजेपी के पास कुल 10.86 लाख वोट हैं. बीजेपी आसानी से यह चुनाव जीत सकती है. 2 फीसदी वोट बहुमत के आंकड़ों से कम हैं जिन्हें बीजेपी आसानी से हासिल कर सकती है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी बीजू जनता दल (BJD) और जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSR कांग्रेस भी बीजेपी के पक्ष में वोट कर सकती है. बीजेपी कुछ अंतर से आसानी से चुनाव जीत सकती है.

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कितने मजबूत हैं यशवंत सिन्हा?

द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा बेहद कमजोर प्रत्याशी हैं. एकमत विपक्ष के उम्मीदवार होने के बाद भी उनके पास करीब 3,70,709 वोट हैं. एनडीए देश की सत्ता संभाल रही है. ऐसी स्थिति में यह तय है कि द्रौपदी मुर्मू ही देश का सर्वोच्च पद संभालने वाली हैं.

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