1 अप्रैल से जरूरी दवाओं (Drugs) के रेट में बदलाव देखने को मिल सकता है. आने वाले दिनों में हो सकता है कि बाजार में ये दवाएं थोड़े से बढ़े हुए रेट पर मिले. इनमें पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक, दिल की दवाएं शामिल हैं. ऐसी कुल 800 जरूरी दवाएं (Essential Drugs) हैं, जिनकी कीमतें बढ़ सकती हैं.
दवा कंपनियां कर रही थी रेट में इजाफे की मांग
इकॉनमिक टाइम्स की खबर के अनुसार केंद्र सरकार दवाओं के रेट बढ़ाने को लेकर सहमत है. दवाओं के दरों में बदलाव एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में परिवर्तन के मुताबिक ही होगा. दवा कंपनियां लंबे समय से दवाओं के रेट में इजाफे की मांग रख रही थी. WPI के वार्षिक बदलाव के मुताबिक ही इस बार भी बदलाव किया जाएगा. दवाओं के रेट पर 0055% का बदलाव देखने को मिल सकता है. दवा कंपनियों का कहना है कि जिन चीजों से दवाएं बनाई जाती हैं उनके रेट में 15% से 130 % तक इजाफा हुआ है, इसलिए दवाओं के दाम भी बढ़ने चाहिए.
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क्या है जरूरी दवाएं
इन जरूरी दवाओं में वो दवाएं भी हैं, जो लोग आम तौर पर इस्तेमाल करते हैं. इसमें पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन और विटामिन की दवाएं भी शामिल हैं. हजारों भारतीय फार्मा कंपनियों के सहयोग से बने एक संगठन ने इस बारे में सरकार से अनुरोध किया था. इस अनुरोध के बाद सरकार ने दवाओं के रेट में इजाफे पर सहमती बनाई है.
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