डीएनए हिंदी: देश के कई राज्यों में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है. कई शहरों से इस प्रदर्शन को लेकर बेहद चिंताजनक तस्वीरें भी सामने आई हैं. इस बीच सोमवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना का जिक्र किए बिना बड़ी बात कही. उन्होंने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं लेकिन समय के साथ फायदेमंद हैं. उन्होंने आगे कहा कि सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं लेकिन समय के साथ देश को उनका लाभ महसूस होगा. सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र द्वारा घोषित नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आई प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी काफी अहम है. उन्होंने हालांकि अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन का सीधा जिक्र नहीं किया. इस योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों पर भी पीएम मोदी ने कोई टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने कहा, "यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छे इरादों से लाई गई कई अच्छी चीजें राजनीतिक रंगों में फंस जाती हैं. मीडिया भी अपनी टीआरपी मजबूरियों के कारण इसमें शामिल हो जाता है."
प्रधानमंत्री ने "डबल इंजन" सरकार की उपलब्धियों और इसके तहत विकास की गति को रेखांकित करते हुए इसके लिए राज्य के लोगों से आशीर्वाद मांगा और इसे "सबसे बड़ी ताकत" बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरू में अपने संबोधन में कहा कहा, "स्टार्टअप और नवोन्मेष का रास्ता आसान नहीं है तथा पिछले आठ वर्षों से देश को इस रास्ते पर आगे ले जाना भी आसान नहीं था. कई फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ देश को उनके लाभों का अनुभव होगा."
उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन या शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है... हमने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को खोल दिया है जो दशकों तक सरकारी नियंत्रण में थे." पीएम मोदी ने कहा कि बेंगलुरू ने दिखाया है कि अगर सरकार सुविधाएं दे और नागरिकों के जीवन में कम हस्तक्षेप करे तो भारतीय युवा क्या कुछ हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु भारत के युवाओं और उद्यमिता के लिए सपनों का नगर है तथा नवाचार और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों का सही उपयोग इसके मुख्य कारण हैं.
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