डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी इस बार कर्नाटक में आक्रामक चुनाव कर रही है. कर्नाटक के चुनाव अभी हुए भी नहीं हैं कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तेलंगाना में भी प्रचार शुरू कर दिया है. प्रियंका गांधी की इस पहली रैली में आई बंपर भीड़ से कांग्रेस खासी उत्साहित है. कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में भी पूरी जान झोंक रखी है. लंबे समय के बाद ऐसा देखने को मिला जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी भी चुनाव प्रचार में पहुंचीं. कांग्रेस पूरी कोशिश में है कि कर्नाटक चुनाव में जीतकर वह अपनी वापसी का दरवाजा दक्षिण भारत से खोल सके.
तेलंगाना में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने और तेलंगाना के शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी मां और तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी को होने वाले राजनीतिक नुकसान की परवाह किए बिना तेलंगाना राज्य को बनाया. प्रियंका गांधी ने लोगों से अगले कुछ महीनों बाद होने वाले चुनावों में कांग्रेस को सत्ता में लाने की अपील की.
यह भी पढ़ें- कर्नाटक चुनाव के नतीजे तय करेंगे MVA का भविष्य? रिजल्ट देखकर होगा सीट बंटवारे का काम
इंदिरा गांधी से तुलना पर दिया जवाब
रैली में प्रियंका गांधी ने कहा, 'आप मेरी तुलना करते हुए कहते हैं कि मैं नई इंदिरा अम्मा हूं. यह हल्की बात नहीं है. इससे मुझे अपनी जिम्मेदारी का एहसास होता है. आप उस महिला को 40 साल बाद भी आप याद कर रहे हैं. आप उनको श्रद्धापूर्वक और प्रेमपूर्वक याद कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि कोई उन्हीं की तरह आपकी मदद करे. ऐसा इसलिए है क्योंकि वह एक ईमानदार नेता थीं.'
यह भी पढ़ें- सोनिया गांधी के 'संप्रभुता' वाले बयान पर घिरी कांग्रेस, EC ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मांगा जवाब
केसीआर पर स्पष्ट कटाक्ष करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि तेलंगाना राज्य किसी एक नेता के कारण नहीं, बल्कि तेलंगाना के सभी बेटों और बेटियों और सैकड़ों शहीदों के आंदोलन के कारण एक वास्तविकता बन गया. उन्होंने कहा कि जिन्होंने तेलंगाना के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, वह युवाओं के लिए रोजगार, भावी पीढ़ियों के लिए अधिकार, किसानों के लिए लाभकारी मूल्य और हैदराबाद के बराबर सभी जिलों का विकास चाहते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि पानी, धन और रोजगार तेलंगाना का नारा था. उन्होंने टिप्पणी की कि केवल राज्य में शासन करने वालों और उनके करीबी लोगों को ही पानी, धन और नौकरियां मिली हैं.
दक्षिण भारत से वापसी का रास्ता देख रही कांग्रेस?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर उत्तर प्रदेश चुनाव का प्रभार था. यूपी चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा. वह सिर्फ 2 सीटें जीत पाई. इसके बाद हिमाचल प्रदेश चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली. अब कांग्रेस पार्टी का फोकस दक्षिण भारत पर है. तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन की सरकार है. केरल के वायनाड से ही राहुल गांधी सांसद थे. हालांकि, उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई.
यह भी पढ़ें- 'अभी जिंदा है अतीक का बेटा, लेगा पूरा इंतकाम', सोशल मीडिया पर धमकी भरा ट्वीट वायरल
इन दो राज्यों के अलावा तेलंगाना में आक्रामक शुरुआत करके कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह इन राज्यों को ऐसे ही नहीं छोड़ने वाली है. दक्षिणी राज्यों के अलावा महाराष्ट्र में भी एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे का गठबंधन काफी मजबूत हो रहा है. इसी साल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव होने हैं. इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की स्थिति काफी बेहतर है. इसके अलावा, तेलंगाना और हरियाणा में भी लोकसभा चुनाव के आसपास ही चुनाव हो सकते हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.