Pulwama Attack: हादसे के 4 साल, देश नहीं भूला काला दिन, पलभर में शहीद हो गए थे 39 जवान, क्यों बचे हुए हैं गुनहगार?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 14, 2023, 09:51 AM IST

पुलवामा हमले में पलभर में शहीद हुए थे 39 जवान.

Pulwama Attack: कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को ऐसा आतंकी हमला हुआ था, जिसे देश कभी नहीं भूल पाएगा. हमारे 39 जवान शहीद हो गए थे.

डीएनए हिंदी: 14 फरवरी, प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन लोग अपने इश्क का इजहार करते हैं, प्यार करते हैं. दुनियाभर में इसे मनाया जाता है. भारत में सबकुछ इसी तरह होता अगर साल 2019 में 14 फरवरी को पुलवामा अटैक न होता. पुलवामा हमले में वेलेंटाइन डे का जश्न भारत में हमेशा के लिए फीका कर दिया. वजह थी कि एकसाथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवान शहीद हो गए थे. देश में ऐसी चीख पुकार मची थी, जिसके शोर में एक आम हिंदुस्तानी तड़प रहा था. 40 घरों की रोशनी हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गई थी.

पुलवामा हमले के बाद देश महीनों तक गमगीन रहात. हादसे के 4 साल हो गए हैं लेकिन यह दिन आम हिंदुस्तानी कभी भूल नहीं सकेगा. विस्फोटकों से भरी हुई एक कार के साथ एक आत्मघाती हमलावर ने CRPF की गाड़ी को टक्कर मार दी और सबकुछ तबाह कर दिया. 

हादसे के बाद हर तरफ सिर्फ तबाही नजर आ रही थी. टीवी स्क्रीन हो या मोबाइल फोन, हर तरफ सिर्फ चीख-पुकार मची थी. क्रूर हमले में क्षत-विक्षत शरीर, परखच्चे उड़े ट्रक की तस्वीरें नजर आ रही थीं. यह नरसंहार था, जिसमें CRPF के जवान भेंट चढ़ गए थे.

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आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने जल्द ही हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो जारी किया. आदिल अहमद डार नाम के आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा जिले के लेथपोरा में विस्फोटकों से लदे वाहनों को काफिले में घुसा दिया था. वह हिंदुस्तानी ही थी, कश्मीर में उसकी पैदाइश थी. परिवार कहता है कि वह 2018 में लापता हो गया था. अपने ही जवानों को उसने ऐसा दर्द दिया, जिसका कोई इलाज नहीं है. महज 22 साल की उम्र में वह 39 लोगों की जान ले चुका था.

पुलवामा हमले के बाद क्या कुछ हुआ?

पुलवामा अटैक में पाकिस्तान का हाथ था. भारत में इतना आक्रोश था कि अगर कोई भी देश जिम्मेदारी लेता तो उसकी खैर नहीं थी. 15 फरवरी, 2019 को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर हमले का आरोप लगाया. पाकिस्तान ने ऐसे सभी आरोपों का खंडन करते भारत की निंदा गी. कई बैठकों के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने का फैसला किया.

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देश अपने जवानों की मौत का शोक मना रहा था. देश क्रोध और आक्रोश से भर गया था. शहीदों के परिजन को 12 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया गया. देश ने पाकिस्तान से आयातित सामानों पर सीमा शुल्क 200 प्रतिशत कर दिया. भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ऑन मनीलॉन्ड्रिंग (FATF) से पाकिस्तान को अपनी 'ब्लैक लिस्ट' में जोड़ने का भी आग्रह किया. FATF ने पाकिस्तान को'ग्रे लिस्ट' में डाल दिया. 18 फरवरी, 2019 को भारतीय सेना ने दिन के वक्त एक मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया. जम्मू-कश्मीर में तनाव की वजह से कई प्रतिबंध लगाए गए. 

बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक

26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट क्षेत्र में एक आतंकवादी शिविर पर हमला किया. हमले में कई आतंकवादी रक्षा बलों के अनुसार मारे गए. जवाबी कार्रवाई में, पाकिस्तान ने अगले दिन हवाई हमले भी किए. MIG-21 फाइटर जेट में सवार विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तान एयर फोर्स के F-16 को ढेर कर दिया. उनका भी विमान क्रैश हो गया था, इसलिए वह पाकिस्तानी सीमा में उतर गए. उन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया था. वैश्विक दबाव के बाद 1 मार्च, 2019 की रात उन्हें रिहा कर दिया गया. उन्हें तीसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, वीर चक्र से सम्मानित किया गया.

पुलवामा हमले के चार साल, अब तक क्या कुछ हुआ?

पुलवामा हमले का असली मास्टरमाइंड कौन है, अभी तक स्पष्ट तौर पर कुछ भी पता नहीं चला है. हमले के बाद हर साल 14 फरवरी को भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कई विजिल्स, कैंडल मार्च निकाले जाते हैं. हर साल भारत वीरों को श्रद्धांजलि देता है, उनके नाम पर माल्यार्पण करता है. भारतीय इतिहास में यह दिन नासूर की तरह है. आतंकी घटना ने भारत को दहला दिया है. गुनहगार कहा हैं, तलाश जारी है.

आजाद घूम रहे हैं गुनहगार

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले की योजना पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर गाजी अब्दुल रशीद ने बनाई थी. वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के नेता मौलाना मसूद अजहर के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक है.

आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का एक शीर्ष कमांडर गाजी अब्दुल रशीद, पुलवामा में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हो सकता है. जैश के संस्थापक मसूद अजहर ने पूरी प्लानिंग रची.

अधिकारियों के मुताबिक पुलवामा में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला आदिल अहमद डार को IED एक्सपर्ट गाजी रशीद ने ट्रेनिंग दी थी. साल 2018 में दिसंबर महीने में गाजी रशीद और उसके दो साथी कश्मीर में घुसपैठ करने में कामयाब हो गए थे. ये सब आजाद घूम रहे हैं.

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