डीएनए हिंदी: अगस्त में देश में भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति कहे जाने वाले नोएडा के ट्विन टावर को गिरते देखा था और बीती रात महाराष्ट्र के पुणे के चांदनी चौक ब्रिज (Pune Chandni Chowk Bridge) को भी गिराया गया है. यह कुछ उसी तर्ज पर गिराया गया है जैसै ट्विन टावर (Twin Tower) को गिराया गया था और इसके जमींदोज करने के प्रोजेक्ट को लेकर पुणे प्रशासन ने बड़ी प्लानिंग की थी.
दरअसल, पुणे का यह चांदनी चौक ब्रिज गिराने के लिए पुलिस से लेकर प्रशासन के बीच एक संतुलित तालमेल दिखा. इसे गिराने के लिए आस-पास के इलाकों को खाली कराया गया ता. वहीं प्रशासन का कहना है कि इस दौरान 200 मीटर तक लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक भी लगा दी गई थी.
S Jaishankar का तंज- भारत आईटी के लिए मशहूर, पाकिस्तान 'इंटरनेशनल टेररिस्ट' के लिए
इस ब्रिज की घटना का सीधा संबंध नोएडा में गिरे ट्विन टावर से इसलिए है क्योंकि जिस कंपनी ने ट्विन टावर को ध्वस्त किया था, प्रशासन ने उसी कंपनी को इस चांदनी चौक ब्रिज को गिराने का काम दिया था. यह ब्रिज एडिफाइस नाम की कंपनी ने ही गिराया है.
वहीं इस ब्रिज के ध्वस्तीकरण को लेकर कंपनी द्वारा जानकारी दी गई कि इसे गिराने के लिए ब्रिज में 1300 से ज्यादा छेद करके उन छेदों में लिक्विड बारूद भरा गया था. वहीं इसका डेटोनेटर 200 मीटर दूर था और वहीं से बटन दबाकर करेंट के जरिए बारूद में ब्लास्ट किया गया जिससे ये ब्रिज कुछ सेकेंडों में ही इतिहास बन गया. करेंट पास किया गया.
प्रशांत किशोर आज शुरू करेंगे 3,500 KM की पदयात्रा, जानिए क्या है प्लान
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस ब्रिज को गिरने में सिर्फ 6 सेकेडों का वक्त लगा था. ट्राफिक से लेकर अन्य परेशानियां न हो इसलिए रात का समय चुना गया. इसके अलावा रविवार की छुट्टी के चलते ट्राफिक और कम हो जाता है जो कि प्रशासन के लिहाज से चीजों को मैनेज करने के अनुकूल रहता है. ब्रिज गिरने के बाद अब मलबा हटाया जा रहा है.
कहां से आई थी गांधी जी की लाठी? क्या आप जानते हैं ये कहानी
जानकारी के मुताबिक इस ब्रिज को जाम की समस्या के चलते गिराया गया है. इस मामले में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इसके गिरने के बाद अब इस सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा जिससे यहां से गुजरने वालें आम लोगों को जाम से निजात मिले और उनके जाम में बीतने वाले समय की बचत हो.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.