'अमृतपाल के नाम पर दहशत न फैलाए सरकार, हम डर कर बैठने वाले नहीं', अकाल तख्त की चेतावनी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 07, 2023, 11:30 PM IST

Akal Takht Giani Harpreet Singh
 

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘मैं पंजाब सरकार को कहना चाहता हूं कि अमृतपाल नाम पर दहशत ना फैलाए, इसे खत्म किया जाना चाहिए.’

डीएनए हिंदी: पंजाब के बठिंडा में भारी सुरक्षा बंदोबस्त से चिंतित अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर बैसाखी से पहले दहशत फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. जत्थेदार ने एक बार फिर भगोड़े अलगाववादी अमृतपाल सिंह से आत्मसमर्पण करने को कहा है. उन्होंने लोगों से यहां तख्त श्री दमदमा साहिब में बैसाखी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आने की अपील की. साथ ही जत्थेदार ने मीडिया से कहा कि उनके बयान को इस प्रकार तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं करे कि वह सरबत खालसा (समुदाय की सभा) का आह्वान कर रहे हैं, जैसा कि अमृतपाल बुलाना चाहता है.

भगोड़े अमृतपाल सिंह ने अपने 2 वीडियो संदेशों में जत्थेदार से बैसाखी पर ‘सरबत खालसा’ बुलाकर समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने को कहा था. जत्थेदार ने शुक्रवार को तख्त दमदमा साहिब में सिख और पंजाबी पत्रकारिता की भूमिका, सिख मीडिया के योगदान और वर्तमान में राज्य के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक विशेष सभा बुलाई. यह सभा ऐसे समय में बुलाई गई जब इस सीमावर्ती राज्य में अलगाववादी ताकतों के उदय के बारे में चिंता व्यक्त की जा रही है, विशेष रूप से कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में अजनाला थाने पर हमले के कारण कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर चिंता सामने आई है.

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फर्जी खबर फैलाने वालों का लगाया जाएगा पता
अमृतपाल फिलहाल फरार है और पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित किया है. जत्थेदार ने मीडिया में सिख-विरोधी फोबिया या पंजाब-विरोधी फोबिया सामग्री का पता लगाने और उसका भंडाफोड़ करने के लिए एक निकाय के गठन का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जो भी फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं, उनका पता लगाने और इसका पर्दाफाश करने के लिए इस तरह का एक संगठन बनाया जाएगा.’ सभा को संबोधित करते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि कड़ी सुरक्षा के कारण इस बार बैसाखी से पहले सामान्य से काफी कम संख्या में श्रद्धालु यहां आए हैं.

अमृतपाल के सरेंडर के नाम पर फैलाई जा रही दहशत
उन्होंने कहा, ‘हर साल, हम बैसाखी के लिए भारी भीड़ देखते हैं, यह पांच अप्रैल से शुरू होती है, लेकिन (फिलहाल) संगत की संख्या महज 10 फीसदी है. इसका कारण सरकार द्वारा फैलाई गई दहशत है.’ जत्थेदार ने कहा, ‘मैं इस मंच के माध्यम से पंजाब सरकार को कहना चाहता हूं कि इस सख्ती से दहशत पैदा हुई है, इसे खत्म किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने (मीडिया) कहा था कि अमृतपाल सिंह यहां आत्मसमर्पण करेगा. अब कहने लगेंगे कि बैसाखी के दिन आत्मसमर्पण कर देगा और उसके नाम पर दहशत फैलाने की कोशिश की जाएगी. सरकार को इससे बचना चाहिए.’ 

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जत्थेदार ने कहा कि जब ऐसी स्थिति बनती है तो इससे न केवल पंजाबियों और पंजाब की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि पंजाब में शासन कर रही सरकार पर भी असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि कम से कम अपनी छवि तो बचा लो. (इनपुट- भाषा)

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