डीएनए हिंदी: केरल, दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के बाद अब पंजाब में भी सीएम बनाम राज्यपाल (CM vs Governor) की लड़ाई शुरू हो गई है. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) ने पंजाब की भगवंत मान सरकार की ओर से बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र को अनुमति नहीं दी है. इससे पहले सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) की अगुवाई वाली कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया था और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी.
राजभवन ने कहा कि केवल विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए विधानसभा बुलाने का कोई विशिष्ट नियम नहीं है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस के नेता सुखपाल सिंह खैरा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने राज्यपाल से संपर्क करके कहा था कि सिर्फ 'विश्वास प्रस्ताव' लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है.
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केरल, बंगाल और दिल्ली में जारी है विवाद
दरअसल, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी. इससे कुछ दिन पहले ही AAP ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी ने उसके विधायकों को पैसों का लालच देकर सरकार गिराने की कोशिश की. आपको बता दें कि केरल, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सीएम और राज्यपाल के बीच लगातार तनातनी चल रही है.
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इससे पहले, ठीक इसी तरह से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी इसी तरह से विश्वास मत लाकर अपना दम दिखाया था. झारखंड में जेएमएमए और कांग्रेस गठबंधन ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी उसके विधायकों को खरीदकर राज्य सरकार को गिराना चाहती है. जेएमएम ने विश्वास मत हासिल करने के बाद कहा कि झारखंड में महाराष्ट्र जैसा कांड करने की बीजेपी की कोशिश फेल हो गई.
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