डीएनए हिंदी: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या ने पंजाब समेत पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. राज्य में गन कल्चर (Gun Culture) , हथियारों को लेकर लोगों के शौक और गैंगवार पर चर्चा छिड़ गई है. गाहे-बगाहे यह भी कहा जा रहा है कि 'खालिस्तान' फिर से सिर उठा रहा है. इस बीच यह आंकड़ा सामने आया है कि पंजाब में लोगों के पास अत्याधुनिक हथियारों की भरमार है.
पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की पुलिस के पास हथियारों की संख्या सिर्फ़ 1,25,000 है. पंजाब राज्य भारत-पाकिस्तान की सीमा पर है और काफी संवेदनशील भी है. राज्य की पुलिस के पास उपलब्ध हथियारों की इस संख्या में आतंकवाद के दौर के बाद से कोई इजाफा नहीं किया गया है.
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पंजाब के लोगों के पास हैं सवा चार लाख हथियार
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की लगभग तीन करोड़ आबादी के पास हथियारों की भरमार है. पंजाब में लगभग सवा चार लाख लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं. इन हथियारों में मामूली हथियार ही नहीं बल्कि महंगे-महंगे अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी हैं.
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इस तरह पंजाब में पुलिस से ज्यादा हथियार तो लोगों के पास भी हैं. ये हथियार तो वो हैं जो लाइसेंसी हैं और रजिस्टर्ड हैं. देश के लगभग हर राज्य में अवैध हथियार की समस्या भी किसी से छिपी नहीं है. अक्सर अपराधियों के पास से अवैध कट्टे और रिवॉल्वर बरामद होते रहते हैं. इनका डेटा किसी भी सरकार के पास नहीं है.
राज्य सरकार ने नियमों में की सख्ती
2019 में पंजाब सरकार ने लाइसेंसी हथियारों के मामले में केंद्र सरकार के संशोधित कानून को पंजाब में लागू कर दिया था. इसके तहत, पंजाब में हथियार का लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया काफी सख्त कर दी गई है. नए नियमों के मुताबिक, हथियार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को डोप टेस्ट से गुजरना होगा और नशे का आदी होने पर हथियार का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.
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