डीएनए हिंदी: जांच एजेंसियों की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि कई पंजाबी गायकों के गैंगस्टरों से संबंध हैं. इसके बाद अब आईबी के अधिकारियों को ऐसे सबूत भी मिले हैं कि इस इंडस्ट्री के जरिये गैंगस्टर रंगदारी, हत्या और अन्य आपराधिक कार्यों से अर्जित काले धन को सफेद करने की जुगत में जुटे हैं. इसके पीछे वजह हैं 65,000 करोड़ की म्यूजिक इंडस्ट्री के 10 बड़े नाम. एक वजह अधिकांश सफल पंजाबी गायकों के कनाडा के साथ संबंध होना भी है. उनके पास या तो स्थायी निवास परमिट या उत्तरी अमेरिकी देश की नागरिकता है. ऐसे में कनाडा में बैठे पंजाब से संबंध रखने वाले गैंगस्टर आसानी से उनसे संपर्क साध लेते हैं.
IB की जांच में सामने आए हैं ये तथ्य
इस इनपुट पर आईबी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि कई कनाडा बेस्ड पंजाबी सिंगर भी इसमें गैगस्टरों के साथ संलिप्त हैं. पंजाबी इंडस्ट्री के जरिये गैंगस्टर अपने काले धन को सफेद करना चाहते हैं और इंटेलीजेंस ब्यूरो पंजाब को भी इसका इनपुट मिला है. इस तथ्य की जांच में IB को कनाडा में बैठे पंजाब से संबंध रखने वाले कुछ पंजाबी सिंगरों का स्ट्रॉन्ग कनेक्शन भी मिला है जिसके बाद यह सब अब आईबी (केंद्र) के रडार पर आ गए हैं.
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जांच में एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि बंबीहा ग्रुप की तरह लॉरेंस बिश्नोई गैंग भी पंजाब में म्यूजिक कंपनी खोलना चाहता था. बीते कुछ वर्षों में पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में दविंदर बंबीहा गैंग का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था. यही बात लॉरेंस बिश्नोई खेमे को गवारा नहीं थी. पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में दखल के लिए लॉरेंस ने अपने कॉलेज के दोस्त विक्की मिड्डूखेड़ा का इस्तेमाल किया और सिद्धू मूसेवाला पर दबाव बनाने की लगातार कोशिश की, लेकिन सिद्धू ने काम करने से इनकार कर दिया था और उसके पंजाब में इन दोनों गैंग्स से गैंगवार शुरू हो गया, जिसमें मिददुखेड़ा और मूसेवाला मारे गए.
गैंगस्टर ही कर रहे हैं पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के बड़े फैसले
आपको बता दें कि पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार इस इंडस्ट्री का वर्तमान मूल्य लगभग 65,000 करोड़ तक पहुंच चुका है. पंजाब में म्यूजिक इंडस्ट्री में 500 से अधिक पंजीकृत संगीत लेबल हैं, जो हर दिन लगभग 20 से 25 गाने जारी करते हैं. 2021 में इस इंडस्ट्री ने 5,000 से ज्यादा म्यूजिक वीडियो जारी किए थे. करोड़ों की इस म्यूजिक इंडस्ट्री पर पंजाब के गैंगस्टर अब अपना साम्राज्य जमाने की होड़ में लगे हैं. विदेशों में उनके शो कहां होंगे, कैसे मुनाफा बटेगा ये भी वही तय करते हैं. इतना ही नहीं कौन सी कंपनी उनकी एलबम को रिलीज करेगी, इसके राइट्स किसके पास होंगे, इनका फैसला भी गैगस्टर ही करते हैं.
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सूत्रों से यह जानकारी भी सामने आई है कि जो गन कल्चर पंजाबी गानों में शुरू हुआ है वह भी गैंगस्टरों की बदौलत ही है. गैंगस्टर अक्सर पंजाबी लोक कलाकार से एक या दो गानों का कॉपीराइट मांगते हैं और वे बदले में उनकी सुरक्षा की गारंटी देते हैं. कलाकारों के लिए जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी से बचने का यह सबसे अच्छा तरीका है.
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