Quad Summit: 'आतंकवाद में मत करो राजनीति', क्वाड के मंच से जयशंकर की चीन से 'सीधी बात'

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 03, 2023, 11:04 PM IST

Quad Summit

India Vs China: भारत में सीमापार से आतंक फैला रहे आतंकियों पर यूएन में प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में चीन हमेशा अड़ंगा लगाता रहा है.

डीएनए हिंदी: Cross Border Terrorism- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को चीन से आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की सीधी चेतावनी दी. उन्होंने साफतौर पर कहा कि कम से कम आतंकवाद को लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. जयशंकर ने यह बात क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान कही. उनका इशारा भारत में सीमापार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों में चीन की तरफ से बाधा डालने को लेकर था. चीन कई बार संयुक्त राष्ट्र (UN) में वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने वाले प्रस्तावों में अड़ंगा लगा चुका है. ऐसा ही एक प्रयास उसने पिछले साल मुंबई हमले के दोषी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की के मामले में किया था. चीन यूएन सुरक्षा परिषद में खुद को मिली वीटो पावर के बल पर 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत लाए जाने वाले ऐसे प्रस्तावों को रोकता रहा है, जिसे दुनिया उसकी तरफ से पाकिस्तानी आतंकवाद को दी जाने वाली मदद मानती रही है.

काउंटर टेररिज्म ग्रुप बनाएंगे क्वाड देश

क्वाड देशों में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. इस संगठन का गठन इंडो-पैसेफिक समुद्री एरिया के तहत आने वाले सभी देशों में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप पर अंकुश लगाना है. इस संगठन की शुक्रवार को दिल्ली में जयशंकर की अध्यक्षता में हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन को आड़े हाथ लिया गया. जयशंकर ने साफ कहा की यूएन में आतंकी घोषित करने में राजनीति नहीं होनी चाहिए. जयशंकर ने कहा कि क्वाड देशों की चर्चा में सबसे अहम एजेंडा यूएन में वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया का राजनीतिकरण किए जाने से बचना था, जिससे चारों देश सहमत हैं. यह एक तरीके से चीन को भारत का सीधा संदेश है. जयशंकर ने बताया कि क्वाड समूह स्वतंत्र व खुले इंडो-पैसेफिक एरिया का समर्थन करता है. क्वाड समूह ने एक काउंटर टेरररिज्म वर्किंग ग्रुप बनाने का निर्णय लिया है, जो सीमापार आतंकवाद से निपटेगा. 

साझा बयान में हुआ मुंबई अटैक और पठानकोट हमले का जिक्र

क्वाड बैठक के बाद चारों देशों ने साझा बयान जारी किया, जिसमें प्रमुख बात आतंकवाद और चरमपंथ का विरोध रहा. इस बयान में भारत के लिहाज से क्रास बॉर्डर टैरररिज्म, मुंबई टैरर अटैक और पठानकोट हमले का जिक्र किया गया. इनके पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की गई. 

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