रायबरेली और अमेठी में बढ़ा मतदान प्रतिशत, किसके पक्ष में जाएगा ये बदलाव?

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: May 21, 2024, 09:39 AM IST

राहुल गांधी और स्मृति ईरानी (File Photo)

इन दो सीटों से गांधी परिवार के सदस्य लंबे समय तक सांसद रह चुके हैं. इस बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद रायबरेली (Rae Bareli) से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. उनसे सामने इस सीट पर बीजेपी से दिनेश प्रताप सिंह और बीएसपी से ठाकुर प्रसाद यादव प्रत्याशी हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) को लेकर 20 मई यानी कि कल पांचवें फेज (Phase-5) की वोटिंग संपन्न हो चुकी है. इस फेज की वोटिंग की बात करें तो देश भर में मतदान प्रतिशत महज 57.54% रहा है. वहीं इस दौरान यूपी की वीआईपी सीट माने जाने वाली अमेठी (Amethi) और रायबरेली (Rae Bareli) में मतदान प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बढ़ी हुई नजर आ रही है. इस बदलाव को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं कि किसे इसका फायदा होगा और किसे होगा इसका नुकसान. आइए इस संदर्भ में विस्तार से जानते हैं. 

ये हैं गांधी परिवार की विरासत की सीटें
इन दो सीटों से गांधी परिवार के सदस्य लंबे समय तक सांसद रह चुके हैं. इस बार राहुल गांधी खुद रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. उनके सामने इस सीट पर बीजेपी से दिनेश प्रताप सिंह और बीएसपी से ठाकुर प्रसाद यादव प्रत्याशी हैं. वहीं, अमेठी सीट की बात करें तो यहां गांधी परिवार के बेहद नजदीकी माने जाने वाले केएल शर्मा कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. जबकि बीजेपी से मौजूदा सांसद स्मृति ईरीनी यहां से उम्मीदवार हैं.


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क्या कहते हैं वोटिंग के आंकड़े?
रायबरेली लोकसभा सीट पर कल शाम साढ़े 6 बजे तक यहां 57.85% वोटिंग हुई थी. इस सीट पर 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कुल 56.34% वोट डाले गए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 51.73% मतदान हुए थे. वहीं, 2009 और 2004 के लोकसभा चुनावों में यहां सिर्फ 48% वोटिंग हुई थी. अमेठी की बात करें तो यहां इस बार 54.17% वोटिंग हुई है. 2019 लोकसभा सीट में यहां 54.08% मतदान हुए थे. दोनों ही सीटों को लेकर दिए गए आंकड़े कल शाम 6 बजे तक के हैं. चुनाव आयोग की तरफ से डेटा जारी होने के बाद ये आंकड़े थोड़े और बढ़ जाएंगे. 


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किसे मिलेगा इस बदलाव का फायदा?
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार इन दोनों सीटों पर बढ़े मतदान प्रतिशत को लेकर कुछ भी कहनी अभी जल्दबाजी होगी. इस बार जनता की तरफ से जो वोटिंग पैटर्न देखने को मिली है, उसने बहुत सारे समीकरण को उलट दिया है. इन सीटों पर सियासी रुझान को लेकर द्वंद की स्थिति बनी हुई है. इसलिए जानकारों के मुताबिक जब तक चुनाव का परिणाम नहीं आ जाता ये द्वंद बना रहेगा. 

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