डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने ताबड़तोड़ पूछताछ की थी. वहीं अब इस मामले में राहुल ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी मुझे प्रवर्तन निदेशायल के ऑफिस में पांच दिन बैठाकर मेरा व्यवहार नहीं बदल सकते हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने भ्रम के कारण ऐसा उपाय अपनाया लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं होगा बल्कि उनका सरकार के खिलाफ विरोध उतना अधिक सशक्त होगा. दरअसल अचानक राहुल अपने लोकसभा संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंच गए और वहां विकास कार्यों का जायजा लिया.
पीएम मोदी पर उठाए सवाल
इस दौरान ही राहुल गांधी ने कहा, "भारत सरकार...प्रधानमंत्री सोचते हैं कि मुझे पांच दिन ईडी (कार्यालय) में बैठाकर मैं अपना व्यवहार बदल दूंगा. यह प्रधानमंत्री के मन में भ्रम है. वे दोनों सोचते हैं, हिंसक जैसा व्यवहार करके वे लोगों को धमका सकते हैं. यह उनके दिमांग में एक बहुत बड़ा भ्रम है क्योंकि उनमें साहस की कमी है.
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राहुल ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उन्हें लगता है कि हिंसा दूसरे लोगों के व्यवहार को आकार दे सकती है. ऐसा नहीं है क्योंकि बहुत से लोग हैं जिनका व्यवहार हिंसा और धमकियों से आकार नहीं ले सकता."
राहुल गांधी ने अपने व्यवहार और रवैए को लेकर कहा, "मेरा व्यवहार मेरे देश के लोगों के प्रति मेरे स्नेह से आकार लेता है. यह इस देश की मेहनतकश जनता के लिए स्नेह से आकार लेता है. इसे मेरे विरोधियों या मेरे दुश्मनों द्वारा कभी भी आकार नहीं दिया जा सकता है."
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हिंसा से नहीं होगा कोई हल
राहुल गांधी ने कहा, "देश में आप सर्वत्र जो विचार देखते हैं वह यह है कि हिंसा से समस्याएं हल हो जाएंगी लेकिन हिंसा कभी समस्याओं का हल नहीं करती है. ऐसा करना अच्छी बात नहीं है...उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम किया लेकिन मेरे मन में उनके प्रति कोई गुस्सा या शत्रुता का भाव नहीं है."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड में शुक्रवार को अपने कार्यालय का दौरा किया. इस कार्यालय में माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं द्वारा हाल में बफर जोन के मुद्दे पर तोड़फोड़ की गई थी. राहुल ने उनके (एसएफआई कार्यकर्ताओं के) इस कृत्य को 'गैर जिम्मेदाराना' करार दिया था.
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