अग्निवीर, किसान, हिंदू, अभय मुद्रा... लोकसभा में राहुल गांधी ने दागे ये 5 सवाल, हो गया हंगामा

रईश खान | Updated:Jul 01, 2024, 04:51 PM IST

राहुल गांधी

Parliament Session 2024: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर हमला किया. राहुल के आरोपों पर पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अभय मुद्रा, अग्निवीर, किसान, हिंदू हिंसक और अयोध्या जैसे मुद्दों पर पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि खुद को हिंदू कहने वाले हिंसा करवा रहे हैं. बीजेपी हिंसा और नफरत फैला रही है. काग्रेस नेता के इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह ने जवाब देने के लिए दो बार कुर्सी से उठना पड़ा.

राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने जवाब दिया कि ये विषय बहुत गंभीर है. हिंदू समाज को हिंस कहना ठीक नहीं है. वहीं अमित शाह ने कहा कि जो लोग गर्व से  खुद को हिंदू कहते हैं वो क्या हिंसक हैं? विपक्ष के नेता को इसपर माफी मांगनी चाहिए. इसपर राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी ही पूरा हिंदू समाज नहीं है. यह पार्टी हिंदू समाज के नाम पर नफरत और हिंसा फैलाने का काम कर रही. जबकि असली का हिंदू हिंसा, नफरत और डर नहीं फैला सकता. आइये जानते हैं वो पांच मु्द्दे जिनको लेकर राहुल, मोदी सरकार पर बरसे.

अग्निवीर पर उठाए सवाल
सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को युवाओं के साथ धोखा बताया. उन्होंने मोदी सरकार की अग्निवीर योजना शहीद का दर्जा नहीं देती. अग्निवीर के जवान की अगर शहादत हो जाती है तो मोदी सरकार उसे शहीद नहीं मानती. उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता. उसके परिजनों को पेंशन नहीं मिलेगी. कांग्रेस सरकार आएगी तो सबसे पहले अग्निवीर को हटाने का काम करेगी. अग्निवीर, सेना की नहीं पीएमओ की योजना है.अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है.

हिंदू हिंसक नहीं होता
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी खुद को हिंदू होने का दावा करती है. ये हिंसा और नफरत फैलाने को बढ़ावा देते हैं. जबकि हिंदू हिंसक नहीं होता. राहुल गांधी ने कहा कि अगर आप 
भगवान शिव की तस्वीर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि हिंदू कभी डर और नफरत नहीं फैला सकता है. ये बीजेपी का कारनामा है जो डराने के लिए ऐसी नफरत फैलाती है.

किसानों को आतंकी कहा गया
राहुल ने कहा कि किसानों के लिए हमने (UPA सरकार) ने जो भूमि अधिग्रहण बिल तैयार किया था. जिससे किसानों को सही मुआवजा मिलता, उसको इस सरकार (मोदी) ने रद्द कर दिया. किसानों को डराने के लिए तीन कानून लागए गए. जिनकों लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ये फायदे के कानून हैं, लेकिन हकीकत में ये अंबानी और अडानी के फायदे के कानून थे. किसान सड़क पर आ गए तो उनपर लाठी भांजी गईं. उनके नेताओं ने गाड़ी से किसानों के कुचला और अन्नदाता को आतंकी कहा गया. हालांकि, इस पर अमित शाह ने जवाब देते हुए खहा कि इसे ऑथेंटिकेट करें.


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अभय मुद्रा का किया जिक्र
लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह कांग्रेस का प्रतीक है. अभयमुद्रा निर्भयता, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है. यह हिंदू, इस्लाम, सिख और बौद्ध धर्म समेत अन्य भारतीय धर्मों को दिव्य सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है. हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय को खत्म करने की बात की है, लेकिन बीजेपी खुद को हिंदू बताते हुए केवल हिंसा, डर और नफरत फैलाने की बात करती है.

विपक्ष के नेताओं के जेल में डाला गया
राहुल ने कहा कि पिछले 10 सालों में संविधान और भारत की अवधारणा पर सुनियोजित ढंग से हमला किया गया है. संविधान और भाजपा के विचारों का विरोध करने वाले करोड़ों लोगों पर हमला किया गया. कई लोगों पर निजी तौर पर हमला किया गया. कई नेताओं को जेल में डाला गया. हमारे एक नेता (हेमंत सोरेन) अभी जेल से बाहर आए और एक नेता (अरविंद केजरीवाल) जेल में हैं. उन्होंने कहा कि मुझ पर हमला किया गया. सरकार, प्रधानमंत्री के आदेश पर मेरे खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज किए गए, दो साल की सजा दी गई. मुझसे 55 घंटे तक पूछताछ की गई.


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'पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय'
राहुल गांधी के हिंदुओं पर दिए एक बयान पर पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना, ये बहुत गंभीर विषय है. वहीं, अमित शाह ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस्लाम में अभय मुद्रा को लेकर इस्लाम के विद्वानों का मत वो ले लें. गुरु नानक देव की अभय मुद्रा पर भी वो गुरद्वारा कमेटी से मत ले लें. इनको अभय की बात करने का कोई अधिकार नहीं है. इन लोगों ने आपातकाल के दौर में पूरे देश को भयभीत किया. दिल्ली में दिनदहाड़े हजारों सिख साथियों की हत्या इमरजेंसी के दौरान हुई.

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