लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ गुरुवार (1 अगस्त) वायनाड पहुंचे. जहां उन्होंने भूस्खलन की वजह से अपनों की जान गंवाने वाले पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान राहुल गांधी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि आज मुझे वैसी ही भावनाएं महसूस हो रही है, जैसे 1991 में उनके पिता और पूर्व पीएम राजीव गांधी की मौत के समय हुई थी.
केरल के वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन ने पूरे देश को दहलाकर रख दिया है. इस लैंडस्लाइड की वजह से अब तक 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 200 अधिक लोग घायल हुए हैं. वायनाड के चार गांव पूरी तरह तबाह कर दिया है. सैंकडों लोग राहत शिविर कैंपों रहने को मजबूर हो गए हैं. राहुल और प्रियंका गांधी ने भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए राहत शिविरों में जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका दर्द जाना.
'अपनों के खोने का दर्द समझ सकता हूं'
राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में अपने परिजनों और घरों को खोने वाले लोगों को देखकर बहुत दुख हुआ. मैं अपनों के खोने का दर्द समझ सकता हूं. उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा करार दिया यह वायनाड और देश के लिए भयावह त्रासदी है.
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राहुल ने कहा कि मेरे लिए तो यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है, लेकिन देखते हैं कि सरकार क्या कहती है. उन्होंने कहा कि कहा कि यह देखना काफी दर्दनाक है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है. इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वास्तव में आपको पता नहीं होता कि उनसे क्या कहना है.’
'हम पीड़ितों के साथ खड़े'
उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे लोगों को उनका हक मिले. वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि क्षेत्र के लोगों का दर्द बयां नहीं किया जा सकता. हम उनकी मदद करने और यथासंभव उनका साथ और सांत्वना देने के लिए यहां आए हैं. उन्होंने पीड़ितों से कहा कि ऐसी मुश्किल घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं. हम राहत-बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए.'
बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीता था. 2024 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. इसके साथ-साथ वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भी विजयी हुए. ऐसे में उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से जून में इस्तीफा दे दिया, जहां उपचुनाव होने पर प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की उम्मीद है.
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