डीएनए हिंदी: राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा नागालैंड से होते हुए असम में प्रवेश कर गई है. यहां शिवसागर जिले से शुरू होकर यात्रा असम के 17 जिलों से गुजरेगी और 833 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इसमें गुवाहाटी शहर भी शामिल है. राहुल गांधी के असम में प्रवेश करते ही सियासी बवाल शुरू हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चेतावानी दी है कि अगर शहर के अंदर से यात्रा गुजरी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को शहर से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'हम यात्रा को शहरों के अंदर से नहीं जाने देंगे. शहरों में कई मेडिकल कॉलेज पड़ते हैं, नर्सिंग होम भी हैं. इसलिए आप वैकल्पिक रास्ता जो भी मांगेगे हम उसकी अनुमति दे देंगे. लेकिन अगर शहर के अंदर से जाने की जिद्द की जाएगी तो मैं पुलिस की व्यवस्था नहीं करूंगा, सीधा कानून उल्लघंन का केस दर्ज करूंगा और 2-3 महीने बाद यानी चुनाव के बाद गिरफ्तार कर लूंगा.'
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गांधी परिवार को बताया भ्रष्ट
इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से देश में सबसे भ्रष्ट गांधी परिवार है. जिसने देश में बोफोर्स से लेकर भोपाल गैस कांड के आरोपियों तक भगाने का काम किया. ये लोग गांधी नहीं बल्कि अपना डुप्लीकेट नाम लेकर घूम रहे हैं. हिमंत बिस्वा सरमा का यह बयान राहुल गांधी के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने अमस की सरकार को सबसे भ्रष्ट बताया था.
'असम में भारत की सबसे भ्रष्ट सबसे'
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि भारत में शायद सबसे भ्रष्ट सरकार असम में है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के नगालैंड से असम में प्रवेश करने के तुरंत बाद राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ बीजेपी और आरएसएस की आलोचना की और कहा कि वे नफरत फैला रहे हैं और जनता का पैसा लूट रहे हैं. शिवसागर जिले के हालोवाटिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी कहा, ‘शायद, भारत में सबसे भ्रष्ट सरकार असम में है. हम भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान असम के मुद्दों को उठाएंगे.’
मणिपुर के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उस राज्य में गृह युद्ध जैसी स्थिति है. मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा देने की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद पिछले साल तीन मई को पहली बार झड़पें हुई थीं. मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है जो पर्वतीय जिलों में रहते हैं. मणिपुर बंटा हुआ है और प्रधानमंत्री ने एक बार भी राज्य का दौरा नहीं किया है.
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