डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होंगे. नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में राहुल गांधी को समन जारी किया गया था. कांग्रेस पार्टी इस मामले में मार्च निकालने की तैयारी भी कर रही है. इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने ईडी के दफ्तर के बाहर और राहुल गांधी के घर के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं.
कांग्रेस ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है. सोमवार सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू कर दिया है. पुलिस ने कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है. कांग्रेस पार्टी ने अकबर रोड से एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित ईडी दफ्तर तक जाने की परमिशन मांगी थी. सांप्रदायिक माहौल और कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने अनुमति नहीं दी.
यह भी पढ़ें- National Herald Case: क्या है नेशनल हेराल्ड केस, राहुल-सोनिया गांधी पर क्यों लटकी है गिरफ्तारी की तलवार?
कई सड़कों पर लगाया गया डायवर्जन
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि कुछ इलाकों में भारी ट्रैफिक होने वाला है इसी वजह से कुछ रास्तों पर डायवर्जन किया जा रहा है. पटेल चौक और पृथ्वीराज चौक के आसपास के इलाकों में बसें नहीं चलेंगी. इसके अलावा, सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक तुगलक रोड जंक्शन, Q पॉइंट जंक्शन, सुनहरी मस्जिद जंक्शन, मौलाना आजाद रोड जंक्शन और मान सिंह रोड जंक्शन पर न जाने की सलाह दी गई है.
आपको बता दें कि इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने नोटिस जारी किया था. सोनिया गांधी पहले कोरोना से संक्रमित हुईं और बाद में उनकी तबीयत खराब हो गई. इसी वजह से वह अस्पताल में भर्ती हैं और अभी वह प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगी.
यह भी पढ़ें- Sidhu Moose Wala हत्याकांड केस में फरार शूटर संतोष जाधव पुणे से हुआ गिरफ्तार
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने Associate Journal Limited नाम से 1938 में एक कम्पनी बनाई थी, जो National Herald नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. यह कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली.
आरोप यह है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था बल्कि वे इस कम्पनी के जरिए AJL को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. साल 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने AJL को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन बैठे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.