15 अगस्त के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने तिरंगे को फहराया. साथ ही 78वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर देश को संबोधित किया. इस दौरान एक नया विवाद जन्म नेता दिखाई पड़ रहा है. दरअसल समारोह के दौरान लाल किला परिसर में मेहमानों को बैठने की जो व्यवस्था की गई थी, उसमें नेता प्रतिपक्ष को पिछली पंक्ति में बैठने का इंतजाम किया गया था. राहुल गांधी ओलंपिक पदक विजेताओं के पीछे वाली पंक्ति में बैठे हुए थे. उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है. ये पिछले एक दशक से पहला मौका है जब कोई नेता प्रतिपक्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए लाल किले पर उपस्थित थे.
क्या कहता है प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल के मुताबिक लोकसभा में विपक्ष के नेता को एक कैबिनेट मंत्री के स्तर का दर्जा प्राप्त होता है. साथ ही स्वतंत्रता दिसव समारोह के दौरान उन्हें हमेशा आगे की पंक्ति में सीट दी जाती है, जो कि राहुल गांधी को नहीं मिली. आगे की पंक्ति में बैठने वाले महमानों की बात करें तो इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, शिवराज सिंह चौहान, अमित शाह और एस जयशंकर शामिल थे.
सरकार ने बताई ये वजह
समारोह की तस्वीर वायरल होने के बाद राहुल गांधी के बैठने के इंतजाम को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक में खूब चर्चाएं होने लगी. इसके बाद रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की ओर से बताया गया कि राहुल गांधी को पीछे इसलिए बैठाया गया क्योंकि अगली पंक्तियां ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए आवंटित की गई थीं. आपको बताते चलें कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन और बैठने की व्यवस्था को लेकर प्लान बनाने का दायित्व रक्षा मंत्रालय की होती है.
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