डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र और राज्य सरकारों को किसानों की आत्महत्या रोकने को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं. राहुल गांधी ने सरकारों को कुछ उपाय सुझाए हैं, जिन्हें अपनाने से किसानों की आत्महत्या रुक सकती है. उन्होंने कहा है कि अगर किसानों की मांगें मान ली जाएं तो वे कर्ज के दलदल से बाहर निकल सकते हैं और किसान आत्महत्या थम सकती है.
राहुल गांधी ने कहा, 'किसान कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और फसल बीमा भुगतान की कमी के कारण भयभीत हैं, जबकि युवाओं के बीच रोजगार के अवसरों की कमी का डर है. बीजेपी इस डर को नफरत और हिंसा में बदल रही है.'
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...इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं किसान
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में किसान अपनी उपज की कम कीमत मिलने और पर्याप्त बीमा सुरक्षा नहीं होने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों के पास पूछने के लिए केवल एक ही चीज है- उनका 50,000 रुपये या एक लाख रुपये का कर्ज क्यों नहीं माफ किया जा रहा है, वहीं अमीरों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं.
...तो कोई किसान कभी नहीं करेगा आत्महत्या
राहुल गांधी ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार सत्ता में थी, तब सरकार ने विदर्भ के किसानों को वित्तीय पैकेज दिया था. विदर्भ क्षेत्र में किसानों द्वारा आत्महत्या करने की कई खबरें आती रही हैं. उन्होंने कहा, 'अगर आप प्यार और स्नेह से लोगों की समस्याओं को सुनते हैं, तो डर नहीं रह जाता है. अगर कोई मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री किसानों की पीड़ा को करुणा और प्रेम से सुनते हैं, तो कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा.'
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BJP पर लगाया डर और हिंसा फैलाने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी डर, घृणा और हिंसा फैला रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश इन परिस्थितियों में प्रगति नहीं कर सकता है. राहुल गांधी ने कहा कि घृणा से कभी भी देश को लाभ नहीं होगा और जो लोग निजी जीवन में हिंसा का सामना करते हैं, वे निर्भीक हैं और वे कभी भी दूसरों को चोट नहीं पहुंचाएंगे और न ही समाज में दुर्भावना फैलाएंगे.
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