Video: राहुल गांधी ने डिलीवरी बॉय के साथ की स्कूटर की सवारी, चुनाव प्रचार के दौरान दिखा अलग अंदाज

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 07, 2023, 10:59 PM IST

Rahul gandhi ride scooter

Karnataka Elections: राहुल गांधी करीब दो मिनट तक डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर पर घूमते रहे. इस दौरान राहुल गांधी ने नीले कलर का हेलमेट पहन रखा था.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधासभा चुनाव के लिए प्रचार आखिरी चरण में है. ऐसे में सभी दलों ने वोटर्स को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी-कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के दिग्गज नेता जोरशोर से प्रचार कर रहे हैं. इस बीच बेंगलुरू में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का अलग अंदाज दिखा. राहुल गांधी एक डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर पर सवारी करते नजर आए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वारयरल हो रहा है.

राहुल गांधी करीब दो मिनट तक डिलीवरी बॉय के साथ स्कूटर पर पीछे बैठकर घूमते रहे. इस दौरान राहुल गांधी ने नीले कलर का हेलमेट पहन रखा था. राहुल को पीछे बैठाकर डिलीवरी बॉय भी काफी खुश नजर आ रहा था. इस दौरान सिक्योरिटी गार्ड्स और पुलिसकर्मी उनके आसपास मौजूद रहे. मौके पर मौजूद कई लोग राहुल के इस अंदाज का वीडियो बनाते दिखे.

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3,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करेगी कांग्रेस
इसके बाद राहुल गांधी ने गिग श्रमिकों और विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों (डिलीवरी पर्सन) के साथ बातचीत की और अपनी पार्टी के वादे को एक बार फिर दोहराया. उन्होंने कहा कि सामान पहुंचाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस कर्नाटक में अपने वादे के अनुरूप 3 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित करेगी और प्रति घंटा न्यूनतम वेतन के साथ एक ‘गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड’ गठित करेगी.

कांग्रेस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ‘एक कप कॉफी और मसाला डोसा’ के साथ राहुल गांधी ने इन कर्मचारियों के जीवन, स्थायी रोजगार की कमी और बुनियादी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को समझने के लिए उनके साथ चर्चा की. विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने इस बात को भी उत्सुकता से सुना कि युवाओं ने ‘गिग’ नौकरी क्यों की हैं और उनके काम करने की स्थिति कैसी है. उन्होंने कहा कि अकेले बेंगलुरु में दो लाख से अधिक लोग गिग नौकरी कर रहे हैं.

कौन हैं गिग वर्कर?
कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में उनके लिए विशेष वादे किए हैं जिनमें मुख्य रूप से 3 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ गिग श्रमिक कल्याण बोर्ड की स्थापना और असंगठित क्षेत्र में गिग श्रमिकों और अन्य श्रमिकों के लिए प्रति घंटा न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना है. प्रत्येक कारोबार में कुछ काम ऐसे होते हैं जिनको स्थायी कर्मचारी के बजाए गैर स्थायी कर्मचारी से कराया जा सकता है. ऐसे काम के लिए कंपनियां कर्मचारियों को काम के आधार पर भुगतान करती हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे गए कर्मचारियों को ‘गिग वर्कर’ कहा जाता है.

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