डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में इस समय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जारी है. इस यात्रा के दौरान वीर सावरकर को लेकर राहुल के एक बयान ने विपक्षी गठबंधन को झटका दिया है. सावरकर के मुद्दे पर अघाड़ी गठबंध के घटक दल शिवसेना और कांग्रेस के बीच पहले ही बवाल हो चुका हैं. राहुल के बयान पर अब उद्धव गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत ने ही अपनी मुखरता दिखा दी है और कहा है कि राहुल की यात्रा का एजेंडा सावरकर नहीं था, इससे उन्हें ही नुकसान होगा.
सामना में संपादकीय के जरिए संजय राउत ने कहा, ''सावरकर ने अंडमान सेल्युलर जेल में 10 से अधिक साल बिताए और कई मुश्किलों का सामना किया. ब्रिटिश शासन ने उन्हें धन शोधन के झूठे आरोपों पर गिरफ्तार नहीं किया था. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की मशाल जलायी थी, इसलिए उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया.'' राउत ने कहा है कि उम्रकैद की दो सजा का मतलब है कि जेल में 50 साल काटना. सावरकर के भाई नारायण राव को बिना शर्त रिहा कर दिया गया, जबकि सावरकर को शर्तों के साथ रिहा किया गया. इसे माफी नहीं कहा जा सकता. राउत ने लेखक वाई डी फडके की किताब का भी उल्लेख किया था.
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उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी 26 मई 1920 को 'यंग इंडिया' में लिखे अपने लेख के जरिए सावरकर और उनके भाई को रिहा करने की मांग की थी। राउत ने यह भी कहा कि अगर सावरकर ने जेल से रिहा होने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ ''हिंसक तरीके'' पर खेद भी जताया था तो इसे आत्मसमर्पण करना नहीं, बल्कि एक रणनीति समझा जाना चाहिए. शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे के नेता ने कहा है कि आज कई नेता डर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण कर देते हैं, दल बदल लेते हैं और ईमानदारी गंवा देते हैं। सावरकर ने देश की आजादी के लिए 10 से अधिक वर्ष अंडमान जेल में बिताए थे.
राउत ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर दावा किया, ''सावरकर के खिलाफ बोलकर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास पर पानी फेर दिया.'' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने आठ साल तक सत्ता में रहने के बावजूद सावरकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया. राउत ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (भारत के प्रथम प्रधानमंत्री) जवाहरलाल नेहरू की छवि धूमिल करना बंद नहीं कर रहे हैं और राहुल गांधी भी सावरकर के साथ यही कर रहे हैं. यह देश के समक्ष एजेंडा नहीं है. इन परिस्थितियों में देश कैसे एकजुट हो सकता है?"
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आपको बता दें कि अपने बयान मेंकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और भय के चलते उन्हें माफीनामा लिखा था. धनशोधन के मामले में हाल में जमानत पर जेल से बाहर आये राउत ने कहा है कि मैंने जेल में तीन महीने बिताए. कई स्वतंत्रता सेनानियों को मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद किया गया था। वहां एक स्मारक है। एक आम कैदी के रूप में, जेल में एक दिन भी बिताना मुश्किल है.
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